पठानकोट एयर बेस पर आतंकी हमले में एनआईए की चार्जशीट के बाद सवालों का सिलसिला शुरू हो गया है. क्या 101 पन्नों की चार्जशीट का परिणाम भी दाऊद जैसे मोस्ट वांटेड आतंकी पर लगी चार्जशीट जैसा ही होने वाला है?
बताते चलें कि पहले भी भारतीय एजेंसियां पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के खिलाफ मजबूत चार्जशीट तैयार और दर्ज करती रही हैं.
क्या भारत की कानून व्यवस्था, सरकार और जांच एजेंसियां इन चार्जशीटों के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के सामने संबंधित आंतकवादियों को सजा दिलाने में सफल हो पाएंगी?
मसूद अजहर
नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआई) ने पठानकोट एयर बेस हमले की चार्जशीट में जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों को मुख्य आरोपी बनाया है, जिसमें जैश चीफ मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रउफ असगर, शाहिद लतीफ और कासिफ जान को मुख्य आरोपी करार दिया गया है.
मौलाना अजहर मसूद और उसके भाई के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होना एक बड़ी पहल है, पर इसका परिणाम क्या होगा? 101 पन्नों की इस चार्जशीट का परिणाम भी पूर्व के चार्जशीटों जैसा ही होने वाला है?
भारतीय जांच एजेंसियां आने वाले दिनों में इन आरोपियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस, लुक आउट जैसी तमाम कानूनी प्रक्रियाओं के उपयोग की तैयारी में जुट गई हैं.
एनआईए की इस नई चार्जशीट पर पाकिस्तान और सुरक्षा मामलों के जानकारों की भी अपनी-अपनी राय है.
चीन के वीटो से होती है देरी: क़मर आग़ा
देश के जाने माने सुरक्षा विशेषज्ञ कमर आगा कहते हैं, ‘भारतीय कोर्ट में चार्जशीट तो लगानी ही पड़ेगी, क्योंकि आरोपी तो इसी आधार पर आपको बनाना पड़ेगा. इसी आधार पर इंटरपोल और यूएन कांउसिल में जाया जाता है. इन्हीं संगठनों का काम होता है आतंकी घोषित करना.’
क़मर आग़ा से जब फ़र्स्टपोस्ट हिंदी ने पहले दायर चार्जशीट्स पर बात की तो उनका कहना था, सभी चार्जशीटेड आतंकी का केस युनाइटेड नेशन सिक्योरिटी कांउसिल में चल रहा है.
विश्व के ज्यादातर देश भारत को सपोर्ट कर रहे हैं, लेकिन चीन भारत की दलील से सहमत नहीं होता. चीन सिक्योरिटी कांउसिल का स्थाई मेंबर है और उसके पास वीटो पावर है. इसी वजह से देर हो रही है.
मौलाना अजहर मसूद के भाई रउफ असगर के बारे में कहा जाता है कि ये मसूद अजहर से भी ज्यादा खतरनाक है.
पाकिस्तान संबंधित मामलों के जानकार वरिष्ठ पत्रकार संजीव पांडे कहते हैं, ‘रउफ असगर ने नेपाल में 6 महीने तक ग्राउंड स्टाफ के तौर पर काम किया. पूरा पाकिस्तान असगर को जानता है. साउथ पाकिस्तान में रउफ असगर की मजबूत पकड़ है. पाकिस्तान की किसी भी सरकार की हिम्मत नहीं है कि आतंकी असगर को गिरफ्तार कर सके.’
' दक्षिणी पंजाब प्रांत में दोनों भाइयों का चलता है सिक्का '
संजीव आगे कहते हैं, ‘पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब प्रांत में दोनो भाइयों का सिक्का चलता है. इतना वर्चस्व है कि कोई भी सरकार उस पर हाथ रखने से पहले सौ बार सोचेगी, क्योंकि नवाज शरीफ को पंजाब के ग्रामीण इलाकों से जो जीत मिली है वह इन दोनो भाइयों की वजह से ही मिली हैं.’
बीती 2 जनवरी को पठानकोट में हुए आतंकी हमले में सेना के सात जवान शहीद हुए थे. इस आतंकी हमले में कुल 37 लोग घायल भी हुए थे. एनआईए ने हमले के दो दिन बाद मारे गए आंतकियों की पहचान नासिर हुसैन, हाफिज अबू बकर, उमर फारुक और अब्दुल कयूम के तौर पर की थी.
चार्जशीट में एनआईए ने ये जिक्र किया है कि अजहर मसूद ने ही पठानकोट हमले की साजिश रची थी.
मसूद का मकसद था कि इंडियन एयरफोर्स के जवानों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में मारा जाए और वहां पर रखे हथियारों को खत्म कर दिया जाए.
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