उसका शव खून से लिपटे कफन में घर आया. 21 साल का जाहिद राशिद गानी उन तीन नागरिकों में से एक था जिनकी मौत मंगलवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों में जारी मुठभेड़ के बीच में आने से हो गई थी.
मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चादूरा के दुरबग गांव के एक घर में आतंकी छिपे हुए थे. कश्मीर पुलिस का दावा है कि गानी सुरक्षा बलों और आतंकियों में फायरिंग के बीच आ गया था. लेकिन, गानी के परिवार का आरोप है कि उसे एनकाउंटर के दौरान जान-बूझकर टारगेट किया गया.
गानी ने मंगलवार को श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में अंतिम सांस ली. लेकिन उसके परिवार के दुखों का अंत अभी नहीं हुआ था. जाहिद का चचेरा भाई जो उसके शव को लेकर घर आ रहा था, उसे पुलिस ने पकड़ लिया और एनकाउंटर के बाद ही उसे घर जाने दिया गया.
जब परिवार ने पुलिस को शव को घर ले जाने से रोकने पर विरोध किया तो उन पर कथित रूप से आंसू गैस के गोले छोड़े गए और एक महिला से छेड़खानी की गई.
5 बेटियों के बीच था इकलौता बेटा
शोक में डूबे जाहिद के पिता अब्दुल राशिद गानी की आंखें सूज गई हैं और वह खुद को संभाल नहीं पा रहे हैं. उनके रिश्तेदार और पड़ोसी उन्हें ढांढस बंधाने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह बार-बार रो पड़ते हैं. वह बोल नहीं पा रहे थे. उनके बड़े भाई उनका सिर अपने हाथों में पकड़े थे. जाहिद पांच बेटियों के बीच उनका इकलौता बेटा था.
जाहिद 12वीं कक्षा का छात्र था और वह अपने पिता को उनकी दुकान पर मदद करता था. उनके घर का लॉन मंगलवार को लोगों से भर गया और सैकड़ों लोग वहां मातम मनाने के लिए पहुंच गए. औरतों के रोने की आवाजें दूर तक सुनी जा सकती थीं.
जाहिद के चाचा फैयाज अहमद गानी ने कहा कि उन्हें यह खबर करीब 10 बजे लगी कि उनके भतीजे को गोली लग गई है. उन्होंने बताया, ‘हम मौके की ओर दौड़ पड़े और बच्चे को श्रीनगर के अस्पताल लेकर पहुंचे, वहां उसने अंतिम सांस ली. लेकिन, जब हम वापस लौट रहे थे, हमें पुलिस कंट्रोल रूम ले जाया गया और शव को घंटों तक वहां रोक कर रखा गया. चादूरा में एनकाउंटर खत्म होने के बाद ही हमें अपने घर जाने दिया गया.’
गानी आरोप लगाते हैं कि पुलिस ने उन लोगों को भगाने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया. यहां तक कि महिलाओं समेत परिवार के सदस्यों के साथ धक्का-मुक्की की.
3 नागरिक गोलीबारी के बीच आ गए
बडगाम के दुरबग गांव में एनकाउंटर मंगलवार की सुबह लगभग 4 बजे शुरू हुआ था और शाम के 5 बजे तक जारी रहा. पुलिस और सेना के अधिकारियों ने कहा कि इस मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया, जबकि तीन नागरिक गोलीबारी के बीच आ गए.
जब सुरक्षा बल आतंकियों से मोर्चा ले रहे थे उस वक्त आसपास के इलाके के लोगों ने मुठभेड़ स्थल की ओर बढ़ना शुरू कर दिया. सुरक्षा बलों को उन पर फायरिंग करनी पड़ी जिसमें तीन नागरिकों की मौत हो गई.
पुलिस और सुरक्षा बलों ने आतंकी के छिपने वाली जगह के पड़ोस के घरों के लोगों को चेतावनी दी थी कि वे सुरक्षित जगहों पर चले जाएं. पुलिस ने पड़ोस के घरों से पोजिशन लेकर आतंकी को घेर लिया. सुरक्षा बलों ने घर पर मोर्टार से फायर किया और यहां तक कि ऑपरेशन के खत्म होने तक माइन ब्लास्ट भी किया.
जिस घर में आतंकी छिपा था वह पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो गया और शाम से वहां स्थानीय लोगों का जमघट होने लगा. लोग इस घटना से स्तब्ध नजर आ रहे थे. दूसरी ओर, पुलिस ने घर के मालिक को पकड़ लिया है और उससे पूछताछ जारी है.
टारगेटेड फायरिंग का सहारा
एक स्थानीय नागरिक ने कहा कि बलों ने टारगेटेड फायरिंग का सहारा लिया. उन्होंने कहा, ‘हमने करीब 17 युवाओं को अस्पताल में शिफ्ट किया है. इनमें से ज्यादातर को गोलियां लगी हैं.’
हालांकि, कश्मीर के आईजी एसजेएम गिलानी ने कहा है कि तीनों नागरिक क्रॉस फायरिंग में मारे गए हैं. गिलानी ने कहा, ‘युवा लगातार रोके जाने के बावजूद एनकाउंटर में बाधा डाल रहे थे. इन्होंने भारी पत्थरबाजी की जिससे कम से कम 70 जवान घायल हो गए.’
उन्होंने कहा कि युवाओं के भारी पत्थरबाजी करने से 50 सीआरपीएफ के और 25 से ज्यादा पुलिस के जवानों को चोटें आई हैं. उन्होंने कहा, ‘युवा आतंकी को एनकाउंटर साइट से भागने में मदद देने की कोशिश कर रहे थे.’
स्थानीय नागरिक गुलाम नबी मुबारकी का घर आतंकी के छिपने वाले घर के ठीक बगल में पड़ता है. मुबारकी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने उन्हें सुरक्षित ठिकानों पर चले जाने के लिए कहा था. उन्होंने कहा, ‘हम दूसरे घर में चले गए, लेकिन फायरिंग पूरे दिन चलती रही.’
घर में छिपा आतंकी बीमार था
मुबारकी ने फ़र्स्टपोस्ट को बताया कि उनके घर की खिड़कियों और छत को भी एनकाउंटर के दौरान नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा, ‘हमें बाद में पता चला कि घर में छिपा हुआ आतंकी बीमार था. उसे शोपियां में गोली लगी थी और पुलिस और आर्मी उसे आसानी से गिरफ्तार कर सकती थी. पुलिस को मोर्टार शेल और माइन ब्लास्ट करने की कोई जरूरत नहीं थी.’
दुरबग में सड़कों पर बुधवार को भी सन्नाटा पसरा रहा. इस इलाके को आसपास के गांवों से जोड़ने वाले पुल पर ईंट और पत्थर बिखरे पड़े थे. श्रीनगर-चादूरा रोड पर युवाओं ने पेड़ों की शाखाओं को तोड़कर डाल दिया था और सड़क को ब्लॉक कर दिया था.
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