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नवोदय स्कूलों में छात्रों के सुसाइड के कारणों की जांच के लिए बनी समिति

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आत्महत्या की ये घटनाएं दस साल में हुई हैं और हमने इसके कारणों का पता लगाने के लिए एक समिति गठित की है.

Updated On: Jan 03, 2019 04:58 PM IST

Bhasha

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नवोदय स्कूलों में छात्रों के सुसाइड के कारणों की जांच के लिए बनी समिति

केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि पिछले कुछ सालों में नवोदय विद्यालयों में छात्रों की आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है. ये समिति उन कारणों की जांच करेगी, जिसके चलते इतनी बड़ी संख्या में सुसाइड कर लिया.

दरअसल, हाल ही में आई एक रिपोर्ट में पता चला था कि 2013-17 के बीच जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) के 49 छात्रों ने आत्महत्या कर ली थी. 49 आत्महत्या करने वालों में से आधे दलित और आदिवासी छात्र थे, और उनमें से अधिकांश लड़के थे.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी को मानव संसाधन मंत्रालय (HRD) को इस मामले में नोटिस भेजा है और छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.

कांग्रेस की विप्लव ठाकुर ने गुरुवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि इतने सारे छात्रों ने आत्महत्या क्यों की, इसके कारणों का पता लगाने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गए हैं.

इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नवोदय विद्यालय को आवासीय विद्यालय शिक्षा का एक बेहद सफल माध्यम करार देते हुए कहा कि 12वीं कक्षा में यहां के छात्रों के उत्तीर्ण होने का औसत 98 प्रतिशत रहा जबकि सीबीएसई में यह 82 प्रतिशत है.

उन्होंने कहा कि आत्महत्या की ये घटनाएं दस साल में हुई हैं और हमने इसके कारणों का पता लगाने के लिए एक समिति गठित की है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इन स्कूलों में बच्चों के लिये कांउसलर नियुक्त करने पर काम कर रही है

 

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