पिछले 10 महीनों के दौरान जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान की ओर से की गई भारी गोलाबारी में छह आम लोग मारे गए हैं जबकि 13 अन्य घायल हुए हैं.
राजौरी के जिला विकास आयुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि नौशेरा और मांजाकोट सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए और सीमा पार से की गई गोलाबारी में ज्यादा नुकसान इन्हीं इलाकों में हुए.
चौधरी ने बताया कि एक मई 2017 से लेकर 25 फरवरी 2018 तक हुई गोलाबारी में 169 घरों और 12 सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचा.
बॉर्डर के 80 से ज्यादा स्कूल कर दिए गए हैं बंद
उन्होंने कहा कि पिछले 10 महीनों में नियंत्रण रेखा के पास के प्रभावित गांवों से 4,600 लोग पलायन कर चुके हैं. स्थानीय प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा के लिए दोनों सेक्टरों में विभिन्न जगहों पर 86 भूमिगत बंकर बनाए हैं. छात्रों की सुरक्षा के लिए सीमा के पास के 80 से ज्यादा स्कूल बंद कर दिए गए.
उन्होंने कहा कि प्रशासन प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने और उनकी समस्याएं कम करने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है और सीमाई इलाकों से पलायन कर चुके लोगों के लिए पर्याप्त सुविधाओं से लैस पुनर्वास एवं राहत शिविरों की स्थापना की गई है.
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