पाकिस्तान से भारत लौटी गीता एक बार फिर चर्चा में है. मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में गुरुवार को गीता का 'स्वयंवर' का आयोजन किया जाएगा. गीता को अपनी जीवनसंगिनी बनाने के लिए देशभर से कई युवकों ने कोशिश की थी, लेकिन मौका मिला है सिर्फ 14 को. इनमें से एक को वह अपना जीवनसाथी चुनेगी.
दो दिनों के आयोजन के पहले दिन 6 लड़के और दूसरे दिन गीता आठ लड़कों से मुलाकात करेगी. गीता अपने जीवन की डोर जोड़ने के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियर ही नहीं, सरकारी और निजी कंपनी में नौकरी करने वालों के साथ ही किसान और होटल में काम करने वाले युवक भी इच्छुक हैं.
माता-पिता की तलाश नहीं हो पाने पर गीता ढाई साल से स्कीम 71 के मूक-बधिर संगठन में रह रही है. इस बीच उसके माता-पिता की तलाश जारी है. दो दर्जन से ज्यादा दंपतियों ने उसके माता-पिता होने का दावा किया, लेकिन कोई भी उसे बेटी साबित नहीं कर पाया. इस बीच उसके लिए दूल्हा ढूंढने का सिलसिला शुरू हो गया है. विदेश मंत्रालय से हरी झंडी मिलने पर फेसबुक पर वर तलाशने की पोस्ट शेयर की गई थी.
गीता से शादी के लिए देशभर से करीब 50 युवकों के बायोडाटा पहुंचे थे. प्रशासन ने इनमें से 30 का चयन किया था इनके बायोडाटा और फोटो गीता को दिखाए गए. गीता ने 16 का चयन किया, जिनमें से 14 युवकों को मिलने का आमंत्रण भेजा गया है. इन्हीं 14 युवकों में से गीता अपने लिए जीवनसाथी चुनेगी. सभी युवकों को गीता से मुलाकात और बातचीत के लिए दस-दस मिनट का वक्त दिया जाएगा.
'स्वयंवर' के समय गीता की पसंद अंतिम होगी. वर तलाशी के बीच महाराष्ट्र के एक दंपती ने गीता के माता-पिता होने का दावा किया है. उन्होंने अपना नाम रमेश सोलसे और पत्नी का नाम आशा बताया है. वो नासिक की डिंडोरी तहसील के पालखेड़ बंधारा गांव के रहने वाले हैं वो पत्नी की तस्वीर साथ लाए थे, जिसका चेहरा गीता से मिलता-जुलता नजर आया. उन्हें पत्नी को लेकर आने के लिए कहा गया है इसके बाद दोनों का डीएनए टेस्ट होगा.
(न्यूज 18 के लिए अजय कुमार त्रिवेदी की खबर)
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