संजय लीला भंसाली की बहुचर्चित फिल्म पद्मावत को लेकर आज पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. एक तरफ जहां कुछ राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए फिल्म को रिलीज कर दिया है, वहीं कुछ राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी फिल्म को प्रदर्शित नहीं किया है.
देश में एक फिल्म को लेकर अराजक स्थिति बनते हाल-फिलहाल में पहली बार देखा गया है. गणतंत्र दिवस के ठीक एक दिन पहले जहां देश में देशप्रेम और भक्ति से ओतप्रोत गानों की गूंज सुनाई देती थी, वहीं इस बार एक दिन पहले देश में शोर शराबा और मारपीट की आवाज सुनाई दे रही है. एक दिन पहले ही एक फिल्म के प्रदर्शन को लेकर बाद विवाद और राजनीतिक आरोपों और प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है.
देश में गणतंत्र दिवस के बजाए करणी सेना, संजय लीला भंसाली और पद्मावत की चर्चाएं हो रही हैं. ठीक एक दिन बाद देश में गणतंत्र दिवस मनाया जाने वाला है. इस बार के गणतंत्र दिवस की खास बात यह है कि पहली बार एक से अधिक मेहमान गणतंत्र दिवस पर हमारे अतिथि बनने जा रहे हैं. इसकी चर्चा न हो कर फिल्म पद्मावत की चर्चाएं हो रही हैं.
फिल्म पद्मावत का वहां भी विरोध हो रहा है जहां पर फिल्म प्रदर्शित हुई हैं. दूसरी तरफ फिल्म का वहां भी विरोध हो रहा है जहां पर फिल्म प्रदर्शित नहीं हुई है. अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में किस तरह की स्थिति पैदा हो गई है. कुछ राज्य सरकारों की राजनीतिक महत्वाकांक्षा ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है.
पद्मावत के बहाने केजरीवाल ने बोला केंद्र सरकार पर हमला
फिल्म के प्रदर्शन को लेकर राजनीतिक तापमान में भी अब खुल कर गर्माहट आने लगी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फिल्म पद्मावत के बहाने केंद्र सरकार पर जम कर हमला बोला है. अरविंद केजरीवाल ने गुरुग्राम में एक स्कूली बस में बच्चों के ऊपर हमले करने वालों को गुंडा कह कर संबोधित किया है. केजरीवाल ने कहा है कि पहले मुस्लिमों पर हमले हुए सरकार चुप रही, दलितों पर हमले हुए सरकार चुप रही, अब बच्चों पर हमले हो रहे हैं हमलोग चुप नहीं रहेंगे.
गौरतलब है कि फिल्म के विरोध के बहाने एक दिन पहले ही हरियाणा के गुरुग्राम में एक स्कूली बस में पत्थरबाजी की गई थी. स्कूल बस पर पत्थरबाजी के आरोप में 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. माना यह जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए सभी कार्यकर्ता करणी सेना के सदस्य हैं.
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सोशल साइट्स पर भी गुरुग्राम के स्कूली बस में बच्चों के ऊपर पर हमला करने वालों को आंतकी बताया जा रहा है. कुल मिलाकर देश में इस वक्त पद्मावत के पक्ष में और विपक्ष में लामबंदी होना शुरु हो गया है.
राज्य सरकारों के विशेष सतर्कता बरतने के बावजूद देश में बवाल कट रहा है. बिहार, झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्यप्रदेश से फिल्म के विरोध की खबर आ रही है. विरोध को देखते हुए ही देश के चार-पांच राज्यों गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान और गोवा में फिल्म नहीं दिखाई जा रही है.
कोर्ट के आदेश को धता बता करणी सेना मचा रही है उत्पात
दूसरी तरफ पंजाब, महाराष्ट्र सहित देश के बाकी राज्यों में फिल्म को रिलीज किया गया है. कुछ राज्यों में खासकर महाराष्ट्र और पंजाब में फिल्म के विरोध के बावजूद भी लोगों में डर नहीं दिख रहा है. लोग फिल्म देखने जा रहे हैं. कई जगह फिल्म का शो हाउसफुल चल रहा है.
पिछले सप्ताह ही सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने कुछ राज्य सरकारों के फिल्म नहीं दिखाए जाने के फैसले को पलट दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही पूरे देश में फिल्म देखने वालों और दिखाने वालों के लिए सुरक्षा देने की बात सामने आई थी.
देश के विभिन्न राज्य सरकारों ने किसी अनहोनी को रोकने के लिए पहले से ही अर्द्धसैनिक बलों की कई टुकड़ियों को तैनात भी कर दिया था. खासकर फिल्म के विरोध को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर के एरिया में विशेष सतर्कता बरती जा रही है.
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राजधानी दिल्ली में सिनेमा घरों और मॉल के बाहर रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है. दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद में विशेष सतर्कता बरती जा रही है. एक दिन पहले ही फिल्म के प्रदर्शन को लेकर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने गुरुग्राम के एक स्कूली बस में पत्थरबाजी की घटना की थी. पत्थरबाजी की इस घटना के बाद से ही गुरुग्राम में धारा 144 लागू कर दी गई है.
पिछले दिनों ही कुछ राज्य सरकारों की ओर से फिल्म रिलीज पर रोक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने राज्य सरकारों को सख्त लहजे में कहा था कि फिल्म के प्रदर्शन के लिए सुरक्षा मुहैया कराई जाए. बाद में मध्यप्रदेश,राजस्थान, हरियाणा और गुजरात की पुनर्विचार याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
इस फैसले के बाद तकनीकी तौर पर फिल्म को प्रदर्शित करने के लिए कोई बाधा नहीं बची थी. इसके बावजूद इन राज्यों ने आज फिल्म को प्रदर्शित नहीं किया है. फिल्म को प्रदर्शित नहीं करने को लेकर बृहस्पतिवार को करणी सेना और चार राज्य सरकारों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई है. इस याचिका की सुनवाई अगले सोमवार को होने वाली है.
क्या डेरा समर्थकों की तरह करणी सेना पर भी होगी कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी देश भर में करणी सेना जमकर हंगामा बरपा रही है. कई जगहों पर हिंसक झड़पों की खबरें भी आई हैं. कई बसों को आग के हवाले कर दिया गया है. जबरदस्ती दुकानों को बंद करवाए गए.
अब सवाल यह है कि जिस देश में सुप्रीम कोर्ट की कही हर बात को नजीर माना जाता है. उसी देश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की खुलकर अवेहलना हो रही है. एक फिल्म को लेकर करणी सेना जैसे संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों को मजाक का पात्र बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है.
अब सवाल यह उठने लगा है कि क्या सुप्रीम कोर्ट भी करणी सेना पर वही रुख अख्तियार करेगी, जो रुख हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट ने कुछ महीने पहले राम रहीम के डेरा सच्चा सौदा पर किया था?
पिछले साल पंचकूला सहित पूरे हरियाणा में राम रहीम के गुंडों ने कई सरकारी और गैरसरकारी संपत्तियों में आगजनी कर काफी नुकसान पहुंचाया था. उस आगजनी में सैकड़ों करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ था. जिसके बाद ही हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा की संपत्ति को बेच कर नुकसान की भरपाई का आदेश दिया था. क्या करणी सेना के कर्ताधर्ताओं और कुछ राज्य सरकारों की संपत्ति बेच कर अब फिल्म को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी?
दूसरी तरफ पीएम मोदी की विशेष पहल पर आसियान देशों को राष्ट्राध्यक्षों को विशिष्ट अतिथि के तौर पर बुलाया गया है. करणी सेना जैसे संगठनों ने अगर 26 जनवरी को राजधानी में उत्पाद मचाया तो विदेशी मेहमान भारत की कैसी छवि अपने देश में लेकर जाएंगे?
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