फिल्म पद्मावती को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मध्यप्रदेश में फिल्म के दिखाए जाने पर रोक लगा दी गई है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य में फिल्म का प्रदर्शन नहीं होगा.
उन्होंने कहा, ऐतिहासिक तथ्यों से खिलवाड़ कर अगर पद्मावती जी के सम्मान के खिलाफ फिल्म में दृष्य दिखाए गए हैं, तो उस फिल्म का प्रदर्शन मध्य प्रदेश की धर्ती पर नहीं होगा. मुख्यमंत्री ने भोपाल में सोमवार को सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की. इस दौरान राजपूत समाज सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने फिल्म को लेकर आपत्ति दर्ज कराई. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्म को राज्य में रिलीज होने नहीं दिया जाएगा.
शिवराज सिंह चौहान ने साफ शब्दों में कहा, कल्पना पर फिल्म दिखाने पर नहीं ऐतराज है. लेकिन किसी का चरित्र गलत प्रदर्शित करने वाली फिल्म बर्दाश्त नहीं है. राजपूतों ने कभी समझौता नहीं किया है. पद्मावती ने अपने मान-सम्मान के लिए जान दी थी. उनके (पद्मावती) के बारे में बचपन से पढ़ते आए हैं. फिल्म को लेकर कम से कम 50 विधायकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने मूवी रिलीज होने के बाद हालात बिगड़ने का अंदेशा जताया था.
किसानों के लिए मुख्यमंत्री की भावांतर योजना सहित कई मुद्दों पर चर्चा के लिए शुक्रवार शाम को सीएम हाउस पर भाजपा विधायकों की बैठक बुलाई गई थी. बैठक के बाद विधायक सत्यपाल सिंह ने पद्मावती मूवी का मुद्दा उठाया. विधायक सिंह ने मूवी पर बैन लगाने की मांग की, जिसके बाद करीब 50 विधायक भी उनके समर्थन में आ गए.
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