पिछले साल नवंबर में हैदराबाद के एक अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा एक महिला के पेट में कैची छोड़ देने की घटना सामने आने के एक दिन बाद ही ओडिशा ऐसी ही मेडिकल नेग्लिजेंस यानी लापरवाही का मामला सामने आया है. ओडिशा के एक पिछड़े जिले से आने वाली दलित महिला ने शिकायत की है कि एक अनुमंडलीय अस्पताल में उसके बाएं पैर के बजाए दाहिने पैर का ऑपरेशन कर दिया गया.
भुवनेश्वर से 220 किलोमीटर उत्तर में क्योंझर जिले के खाबिल गांव की मितरानी जेना दो दिन पहले अपने बाएं पैर में घाव के इलाज के लिए आनंदपुर उप-विभागीय अस्पताल गई थी. उनके घाव की जांच करने के बाद अस्पताल के डॉक्टर ने मेडिकल स्टाफ को घाव पर पट्टी करने का निर्देश दिया. हालांकि, मेडिकल स्टाफ ने कथित तौर पर मरीज के गलत पैर का ऑपरेशन कर दिया.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक 40 वर्षीय जेना ने मेडिकल ऑफिसर से अपनी शिकायत में कहा कि 'ड्रेसिंग रूम के कर्मचारियों ने पहले मुझे एनेस्थीसिया दिया. जब मैं होश में आई, तो मैंने देखा कि मेरे बाएं पैर की जगह दाहिने पैर का ऑपरेशन कर दिया गया था.' महिला के पति त्रिलोचन जेना ने भी जब शिकायत की, उसके बाद डॉक्टरों ने पीड़िता के घायल पैर का ऑपरेशन किया. लेकिन इसकी वजह से वो अब चल पाने में असमर्थ हैं.
उन्होंने कहा- 'मैं मेडिकल स्टाफ की लापरवाही के कारण नहीं चल पा रही हूं. उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.'
डॉक्टरों का कहना है कि उसे ठीक से चलने में कुछ दिन लगेंगे.
क्योंझर के कलेक्टर आशीष ठाकरे ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
आनंदपुर अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कृष्ण चंद्र दास ने कहा कि कर्मचारियों से उचित पूछताछ के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
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