ओडिशा के करपाबहल गांव से एक मामला सामने आया है, जहां एक बेटा अपनी मां की अर्थी को साइकिल पर ले जाने को मजबूर हो गया. मिली जानकारी के अनुसार बेटे की पहचान 17 वर्षीय सरोज के तौर पर हुई है. वहीं मां का नाम जानकी सिंहानिया बताया जा रहा है. सरोज की 45 वर्षीय मां जानकी पानी भरने के लिए गई थीं, तभी वो वहां पर गिर पड़ी और उनकी मौत हो गई.
'छोटी जाती का होने के चलते किसी ने नहीं की मदद'
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक मां के देहांत के बाद कोई भी सरोज की मदद के लिए आगे नहीं आया. वजह थी सरोज के छोटी जाती से होना. बताया जा रहा है कि जब जानकी के अंतिम संस्कार की बारी आई तो सरोज की मदद करने कोई नहीं आया क्योंकि वह कथित छोटी जाति से था. इसके बाद सरोज ने हार नहीं मानी. वह खुद साइकिल पर कफन में लिपटी मां की लाश रखकर चार से पांच किलोमीटर तक पैदल चला.
रिपोर्ट के मुताबिक जानकी के पति का भी देहांत पहले ही हो चुका था. वह अपने बेटी और बेटे के साथ मां के घर पर रहती थी. सरोज को अपनी मां का अंतिम संस्कार गांव के ही पास एक जंगल में करना पड़ा.
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