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Nursery Admission: गुरुग्राम के स्कूलों में दाखिला नहीं ले सकेंगे दिल्ली के बच्चे, ये है वजह

हरियाणा शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय से अभिभावक गुरुग्राम के स्कूलों में नर्सरी एडमिशन की प्रकिया को रेगुलेट करने की मांग करते आए हैं

Updated On: Feb 17, 2019 06:29 PM IST

FP Staff

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Nursery Admission: गुरुग्राम के स्कूलों में दाखिला नहीं ले सकेंगे दिल्ली के बच्चे, ये है वजह

अगले एकेडमिक सेशन से गुरुग्राम के स्कूलों में नर्सरी में एडमिशन के नियम बदल जाएंगे. दरअसल हरियाणा के प्राथमिक शिक्षा विभाग (Elementry education department) ने पहली बार नर्सरी एडमिशन को लेकर कुछ नियम जारी किए हैं. इनमें 2 नियम अहम हैं. पहला नियम ये कि एक क्लास में समान उम्र के बच्चों को लेने पर जोर दिया जाए. और दूसरा नियम है कि पहले उन बच्चों को प्रथमिकता दी जाए जो स्कूल के 1 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं.

ऐसे में दिल्ली के बच्चों को गुरुग्राम के स्कूलों में एडमिशन मिलने में परेशानी हो सकती है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में परिजनों की राय भी अलग-अलग है. गुरुग्राम में रहने वाले कुछ अभिभावकों ने इन नियमों का स्वागत किया है. वहीं कुछ अभिभावक ऐसे हैं जिन्हें डर है कि इस नियम के बाद उन्हें अपने बच्चों के लिए अपना मनपसंद स्कूल नहीं मिलेगा. अभिभावकों को चिंता है कि अगर एक किलोमीटर के अंदर उन्हें अपने पसंद का स्कूल न मिले या उस स्कूल की फीस ज्यादा होगी तो क्या करेंगे.

क्यों जारी किए गए नए नियम?

हरियाणा शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय से अभिभावक गुरुग्राम के स्कूलों में नर्सरी एडमिशन की प्रकिया को रेगुलेट करने की मांग करते आए हैं. वहीं स्कूल शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास ने बताया कि ये नियम अगले एकेडमिक सेशन से लागू होंगे.

इस नियमों को लेकर अभिभावकों ने खुशी भी जाहिर की है. रिपोर्ट के मुताबिक इन नियमों का स्वागत करते हुए आकाश जैन नाम के एक अभिभावक ने कहा, कुछ स्कूल एप्लिकेशन फॉर्म के लिए 1000 रुपए तक लेते हैं. लेकिन अब फॉर्म मुफ्त मिलेंगे.

वहीं जब इन नियमों के बारे में गुरुग्राम के DPS स्कूल के प्रिंसिपल दीपक शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नए नियम तो ठीक हैं लेकिन मुझे नहीं पता लॉटरी सिस्टम काम करेगा या नहीं. अजंता पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल वैभव कपूर का कहना है कि ये नए नियम अभिभावकों की उन सभी कन्फ्यूजन को दूर कर देगा, जो उन्हें एडमिशन के दौरान होती है.

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