वरिष्ठ बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मंगलवार को मोदी सरकार से मांग की है कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न दिया जाए. स्वामी ने ट्वीट कर कहा, ' 2019 के गणतंत्र दिवस पर मोदी सरकार को पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न जरूर देना चाहिए.' स्वामी ने यह भी कहा कि वर्तमान बीजेपी सरकार नरसिम्हा राव के वादों को ही पूरा करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने लिखा, ' 14.9.94 को पीवी नरसिम्हा राव सरकार ( जिस सरकार में मैं भी कैबिनेट रैंक के पद था ) ने सुप्रीम कोर्ट में एक स्टेटमेंट दिया था.सरकार मंदिर मुद्दे पर एक हल निकालने को लेकर प्रतिबद्ध थी. अगर विवादित स्थल पर कोई मंदिर या ढांचा मस्जिद से पहले से मौजूद था तो सरकार हिंदुओं की इच्छा का सम्मान करेगी.' और मोदी सरकार ठीक यही कर रही है.
The Americans have a saying: "if an irresistable force meets an immovable object something got to give". If the Hindutva irresistable force meet the immovable Supreme Court object on Ram Temple, the Namo govt must give--action as per PVN Rao's affidavit
— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 23, 2018
इस ट्वीट से ठीक एक दिन पहले स्वामी ने बीजेपी सरकार को पीवी नरसिम्हा राव के इस एफिडेविट पर ही आगे बढ़ने के लिए इशारा किया था. इस एफिडेविट के जरिए स्वामी का इरादा कांग्रेस सरकार के उस अध्यादेश को याद दिलाने का था जिसके जरिए राम मंदिर के समाधान की एक कोशिश की गई थी.
दरअसल विवादित ढांचा गिराए जाने के ठीक एक महीने बाद तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने अयोध्या ऑर्डिनेंस के जरिए विवादित ढांचे के आस-पास जमीन के अधिग्रहण की बात प्रस्तावित की थी. बाद में ये बिल सदन में केंद्रीय गृह मंत्री एसबी चवान ने पेश किया था और ये पास भी हुआ था जिसे बाद में अयोध्या एक्ट के नाम से जाना गया. इस एक्ट के मुताबिक केंद्र सरकार को साठ से सत्तर एकड़ जमीन विवादित ढांचे के पास अधिग्रहित करनी थी और उस पर एक राम मंदिर और एक मस्जिद बनाने की बात कही गई थी.
Subramanian Swamy: In 1994 in Narasimha Rao's Govt when I was also cabinet rank holder, SC asked Govt if they have a solution. So PM submitted a statement with different solutions including one which said 'If Mandir remains found then we should move according to Hindu wishes' pic.twitter.com/KZQ2EiftKf
— ANI (@ANI) December 25, 2018
स्वामी ने साल 2012 में द हिंदू अखबार में छपी एक रिपोर्ट का जिक्र भी किया जिसके मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक गैरराजनीतिक ट्रस्ट के जरिए करवाना चाहते थे और उनके पास एक मजबूत मास्टर प्लान था. उनका मानना था कि ये काम एक ट्रस्ट के जरिए ही किया जा सकता है क्योंकि इसे हिंदुओं के सभी वर्गों का समर्थन हासिल होगा. इस ट्रस्ट को सभी हिंदुओं का समर्थन मिलने के पीछे कारण ये था कि इस ट्रस्ट का चेयरमैन श्रींगेरी शीर श्री भारती तीरथ स्वामी को बनाया था.
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