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नोट बैन पर क्या कहता है उद्योग जगत?

उद्योग जगत ने सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोटों पर रोक लगाने के कदम का स्वागत किया है. उद्योग-जगत को उम्मीद है कि काले धन पर इससे लगाम लगेगी.

Updated On: Nov 18, 2016 09:21 AM IST

FP Staff

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नोट बैन पर क्या कहता है उद्योग जगत?

उद्योग जगत ने सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपए के नोटों पर रोक लगाने के कदम का स्वागत किया है. उद्योग जगत के दिग्गजों को यह उम्मीद है कि मोदी सरकार के इस कदम से अर्थव्यवस्था में काले धन को रोकने में मदद मिलेगी.

उद्योग जगत से जुड़ी कुछ हस्तियों ने ऐसी प्रतिक्रियाएं दी हैं-

अरुंधती भट्टाचार्य, चेयरमैन, एसबीआई: हमें सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपए के नोटों की मौजूदा सीरीज को रोकने का आदेश मिला है. हम पहले भी ऐसा कर चुके हैं और फिर से करने में सक्षम हैं. कल बैंक बंद रहेंगे ताकि एटीएम और काउंटर से इन नोटों को वापस लिया जा सके. हम एटीएम मशीनों में दोबारा पैसे डालने की जल्दी ही कोशिश करेंगे ताकि इन्हें तुरंत चालू किया जा सके. सरकार ने इसके लिए हमें काफी छूट दी है ताकि इससे जुड़ी जरूरतों को हम पूरा कर सकें. हम 24 घंटे काम करेंगे ताकि ग्राहकों को कोई दिक्कत न हो.

कुणाल बहल, सह-संस्थापक और सीईओ, स्नैपडील: काले धन को समाप्त करने के लिए सरकार के इस कठोर और साहसी कदम का हम स्वागत करते हैं. अर्थव्यस्था को लंबे समय तक लाभ देने में इस कदम की खास भूमिका होगी. इस कदम से भारतीय अर्थव्यवस्था डिजिटल रास्ते से भारी वृद्धि करेगी. स्नैपडील और फ्रीचार्ज ऐसे किसी भी पहलकदमी के समर्थन के लिए प्रतिबद्ध है.

नवीन सूर्या, चेयरमैन, पेमेंट कौंसिल ऑफ इंडिया और मैनेजिंग डायरेक्टर, आईटीजेडकैश: हम प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के इस अतिसाहसी और बहुत जरूरी कदम का स्वागत करते हैं. यह हमारे समाज में अघोषित धन रखने की बुराई को खत्म करेगा. मैं पेमेंट कौंसिल ऑफ इंडिया और आईटीजेडकैश के साथ इस कदम की सराहना करता हूँ और इसमें हमारा पूरा सहयोग रहेगा.

डॉ. नौशाद फोर्ब्स, अध्यक्ष, सीआईआई: अधिक मूल्य के नोटों पर रोक नकदी संपति के जमाव को रोकने का एक कारगर उपाय है. सरकार ने काले धन की अर्थव्यवस्था की जड़ को निशाना बनाया है. सीआईआई प्रधानमंत्री और सरकार को इस कदम के लिए बधाई देती है. यह कदम खास तो है लेकिन इसे सफल बनाने के लिए ठोस तैयारी की जरूरत है.

गीतांबर आनंद, क्रेडिआई नेशनल: इससे रियल स्टेट बाजार बहुत अधिक प्रभावित नहीं होगा क्योंकि होम लोन लेने वाले वास्तविक खरीदार हैं. संगठित रियल स्टेट उद्योग ने हमेशा इसकी (काले धन की) शिकायत की है. इससे रियल स्टेट के असंगठित और छिपे रुस्तम ही प्रभावित होंगे. यह कदम रियल स्टेट उद्योग की, इनकम टैक्स के सेक्शन 43 सीए को हटाने की, लड़ाई में मदद करेगा. इस सेक्शन द्वारा खरीदार और विक्रेता दोनों से तथाकथित आय के नाम पर टैक्स लेना उचित नहीं है.

सात्विक विश्वनाथ, सीईओ और सह-संस्थापक, यूनोकॉइन: सरकार के इरादे नेक हैं लेकिन इसे हासिल करना बहुत कठिन है. अगर हम नकदविहीन होने की सोच रहे हैं तो बिटकॉइन इसके लिए सबसे सही है जो सीमाविहीन, भरोसेमंद और साफ-सुथरी मुद्रा है.

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