एक तरफ जेएनयू में चुनाव का माहौल गर्म है दूसरी तरफ एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार विकास यादव का नामांकन रद्द होना खबरों में है. विकास इस बात के लिए मौजूदा सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार बताते हैं. उनका कहना है कि इस तरह से तंग करके कैंपस के लोकतांत्रिक माहौल पर हमला करने की कोशिश है.
मामला दरअसल कैंपस में पकौड़े तलने का है. बीते समय जब माननीय प्रधानमंत्री ने पकौड़े बनाने को भी रोजगार कहा था, तब देश भर में कई लोगों ने इस बयान को देश में बढ़ रही बेरोजगारी का मजाक बताया और सड़कों पर पकौड़े बनाकर विरोध दर्ज किया था. कैंपस में भी इसका असर देखने को मिला था. विकास ने अपने संगठन के साथ कैंपस के एडमिन ब्लॉक के सामने पकौड़े तले थे. और प्रशासन ने उनपर फाइन लगा दिया. छात्रसंघ चुनाव के नियम के अनुसार यदि छात्र पर किसी तरह का फाइन है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता.
विकास ने इसको सीधे तौर पर सोची समझी साज़िश करार दिया और मौजूदा सरकार की नीतियों पर भी निशाना साधा. विकास का कहना है कि प्रशासन ने उनको अपना पक्ष तक रखने का मौका नहीं दिया. और शिकायत और सुनवाई के नाम पर ईसी (इलेक्शन कमीशन) और शिकायत कमेटी के बीच दौड़ाया गया. लिंगदोह कमेटी के अनुसार शिकायत आने जांच कमेटी गठित करके सुनवाई करके पर 24 घंटे के अंदर फैसला देना होता है ऐसी शिकायत का निपटारा किया जाना होता है. लेकिन शिकायत वहां जब पांच तारीख़ को पहुंची, और पूरे दिन विकास को अपना पक्ष रखने के लिए कोई फोन नहीं किया गया और दूसरे दिन शाम को ईसी के पास एक पत्र पहुंचा जिसमें कहा गया है कि विकास का नामांकन रद्द किया जा सकता है.
ईसी के पास पहुंचने पर विकास को कहा गया आप डीसीडब्ल्यू (डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर ) जाकर पता कीजिए, लेकिन जब विकास डीसीडब्ल्यू पहुंचे तो वहां के अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने विकास को कई बार फोन किया लेकिन विकास ने नहीं उठाया और विकास कहते हैं कि उनको किसी तरह का कोई फोन नहीं आया और यदि ऐसा दावा किया जा रहा है उनको सुबूत दिया जाए. एनएसयूआई का आरोप है कि ऐसा जानबूझ कर शुक्रवार को अंतिम समय में किया गया ताकि अगले दो दिन छुट्टी होने की वजह से कोई अंतिम फैसला ना हो सके.
एनएसयूआई के एक्टिविस्टों का कहना है कि विकास यादव का मामला जब तक साफ नहीं होता वे कैंपस में चुनाव नहीं होने देंगे. उनका मानना है कि एक उम्मीदवार का गलत तरीके से नामांकन रद्द करके चुनाव होना विकास के साथ अन्याय होगा. गौरतलब है कि अन्य पार्टियों के उम्मीदवारों ने भी विकास के साथ सहमति प्रकट की है.
आज दिन में 11.21 मिनट पर मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप में जेएनयू के मुख्य चुनाव अधिकारी हिमांशु कुलश्रेष्ठ ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने प्रशासन (GRC) की अनुशंसा को स्वीकार नहीं किया और फिर से प्रशासन को इस पर विचार करने को कहा है. इसका मतलब यह हुआ है कि चुनाव समिति ने विकास को हरी झंडी दे दी है लेकिन प्रशासन के अगले रुख का इंतजार करना पड़ेगा. इस संबंध में जब विकास से बात हुई तो उन्होंने कहा कि हम कोर्ट का रुख कर रहे हैं.
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