नोएडा-ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली ग्रुप पर यूपी पुलिस की बड़ी कार्रवाई हुई है. यूपी पुलिस ने आम्रपाली ग्रुप के दो अधिकारियों की गिरफ्तारी के साथ आम्रपाली के नोएडा सेक्टर 62 ऑफिस को भी सील कर दिया गया है.
4 करोड़ रुपए का लेबर सेस नहीं चुकाने पर आम्रपाली पर यह कार्रवाई हुई है. दोनो अधिकारियों की गिरफ्तारी में निवेशकों की शिकायत का भी अहम रोल माना जा रहा है.
गिरफ्तार अधिकारियों में से एक ऋतिक सिंहा आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा के दामाद हैं. ऋतिक सिंहा कंपनी के सीईओ भी हैं. दूसरे अधिकारी का नाम निशांत मुकुल है.
सीएम योगी ने दी थी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को ही लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान बिल्डर्स पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी. हालांकि, यह कार्रवाई एसडीएम दादरी की तरफ से की गई है.
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बताया जा रहा है कि आम्रपाली पर करीब एक साल से 4 करोड़ रुपए के लेबर सेस की देनदारी थी. तमाम नोटिसों के बावजूद इसे चुकता नहीं किए जाने पर एसडीएम दादरी की तरफ से संज्ञान लिया गया है.
दोनो अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद आम्रपाली ग्रुप में अफरा-तफरी मची हुई है. गिरफ्तारी के बाद से आम्रपाली के कई डायरेक्टर फरार हो गए हैं.
निवेशकों में था रोष
आम्रपाली बिल्डर के खिलाफ निवेशकों का लंबे समय से रोष पनप रहा था. दो अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद उन लोगों की उम्मीदें फिर से जिंदा हुई है, जिन लोगों ने अपनी खून-पसीने की कमाई लगा कर आम्रपाली ग्रुप से मकान खरीदा था. आज तक उन लोगों को मकान नहीं दिया गया.
नोएडा में खरीददार लगातार नोएडा ऑथरिटी और यूपी की योगी सरकार पर आम्रपाली को लेकर दबाव बना रहे थे.
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दो अधिकारियों की गिफ्तारी के बाद अब आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी अनिल शर्मा की मुसीबतें बढ़ सकती हैं.
आम्रपाली ग्रुप के कई प्रोजेक्ट्स काफी देरी से चल रहे हैं. जिन प्रोजेक्ट्स में खरीदारों को फ्लैट दे भी दिए गए हैं, वहां बुनियादी सहूलियतें तक नहीं हैं. इसे लेकर घर खरीदारों में काफी रोष है और वे बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन करने को मजबूर हो रहे हैं.
कई प्रोजेक्ट्स पर है विवादों का साया
आम्रपाली के कई प्रोजेक्ट्स को लेकर खरीददार सड़क पर हैं. दो दिन पहले ही आम्रपाली बिल्डर के ड्रीम वैली प्रोजेक्ट के निवेशकों ने जमकर प्रदर्शन किया था. आए दिन आम्रपाली के खिलाफ खरीददारों का दफ्तर के सामने हंगामा होते रहता है.
आम्रपाली ने ड्रीम वैली प्रोजेक्ट 2010 में लॉन्च किया गया था. इसी प्रोजेक्ट में साल 2008 में लॉन्च किए गए स्मार्ट सिटी के निवेशकों को मकान दिए गए थे. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट जिस जगह पर बनाई जा रही थी उस जमीन को अदालत ने आम्रपाली बिल्डर से छीन कर गांववाले को दे दिया था.
कई ऐसे इंवेस्टर ऐसे हैं जो साल 2008 में स्मार्ट सिटी में मकान लिए थे उनको आज तक फ्लैट नहीं मिले हैं.
आम्रपाली ड्रीम वैली प्रोजेक्ट के निवेशकों को साल 2014 में फ्लैट देने का वादा किया गया था. लेकिन, आज तक इन निवेशकों को फ्लैट नहीं मिले हैं. आम्रपाली बिल्डिर के खिलाफ लगातार थाने में शिकायतों की संख्या बढ़ते ही जा रहे हैं. एक के बाद एक प्रजेक्ट के निवेशक थाने में या कोर्ट में शिकायत दर्ज करा रहे हैं.
नोएडा एक्स्टेंशन के लगभग 50 टावरों में 5 हजार से भी ज्यादा फ्लैट बनने हैं. मकान खरीददारों का कहना है कि बिल्डर को नोएडा प्राधिकरण को पैसा देना है जिससे वह साइट पर काम नहीं करवा रहा है.
पिछले दिनों ही नोएडा प्राधिकरण के सामने आम्रपाली ग्रुप के मालिक अनिल शर्मा पेश हुए थे. आम्रपाली के निवेशकों के सामने अनिल शर्मा ने कहा था कि वह पहली जुलाई से आम्रपाली ड्रीम वैली का काम शुरू कर देंगे, पर जुलाई का महीना बीतने को है और अब तक काम शुरू नहीं हुआ है.
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