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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हिंदू छात्रों को रमजान में नहीं दिया जा रहा खाना?

एएमयू के अधिकारियों पर आरोप, गैर मुस्लिम छात्रों को रमजान के दौरान नहीं मिल रहा नाश्ता और खाना.

Updated On: Jun 01, 2017 09:30 AM IST

Bhasha

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हिंदू छात्रों को रमजान में नहीं दिया जा रहा खाना?

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि होस्टल में रहने वाले गैर मुस्लिम छात्रों को रमजान के दौरान नाश्ता और खाना नहीं दिया जा रहा है.

यह मामला उस समय सामने आया जब भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता विनय वाष्णेय ने आरोप लगाया था कि एएमयू के हास्टल में रहने वाले हिन्दू छात्रों को नाश्ता और खाना नहीं दिया जा रहा है और यूनिवर्सिटी प्रशासन उन्हें रमजान के महीने में जबरन भूखा रहने पर मजबूर कर रहा है.

मानव संसाधन मंत्रालय ने मांगी थी सफाई

यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि इस मामले में मानव संसाधन मंत्रालय ने सफाई मांगी थी. वहीं इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने कहा कि कुछ लोग जो रोजा नहीं रखते हैं. उन्हें रमजान की शुरूआत के कुछ दिनों थोड़ी परेशानी होती है, लेकिन हर बार ऐसी व्यवस्था होती है कि हिन्दू मुस्लिम जो भी छात्र खाने की मांग करते हैं उन्हें खाना उपलब्ध कराया जाता है.

वीसी ने तुरंत लिया एक्शन

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर (वीसी) के मीडिया सलाहकार ने जासिम मोहम्मद ने बताया कि वीसी को जैसे ही इस मामले की खबर लगी. उन्होंने तुरंत लिखित आदेश दिए कि जो छात्र रोजा नहीं रखते हैं, वह अपने हॉस्टल के अधिकारियों को इस बात की सूचना दें, उन्हें खाना उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने बताया क जबसे यूनिवर्सिटी स्थापित हुई तबसे लगभग सभी हॉस्टल के भोजन कक्ष दिन के समय बंद रहते हैं और जो लोग रोजा नहीं रखते हैं. वह हॉस्टल के अधिकारियों को इस बारे में सूचित करते हैं और उन्हें खाना उपलब्ध कराया जाता है.

इस बीच यूनिवर्सिटी के मास कम्यूनिकेशन के छात्र और प्रमुख युवा नेता ज्योति भाष्कर ने पत्रकारों से कहा, यह बड़े दुख की बात है कि इस मामले को धार्मिक रूप दिया जा रहा है. फरवरी में जब मैं व्रत रखता हूं, तो मेरी धार्मिक आस्था को देखते हुए होस्टल मेस की तरफ से मुझे केला और दूध उपलब्ध कराया जाता है. उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था है कि रमजान के महीने में हमें खाने के लिए लिखकर देना पड़ता है.

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