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निर्भया कांड की छठी बरसी: दोषी आज भी जिंदा हैं, ये कानून व्यवस्था की नाकामयाबी है: निर्भया की मां

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निर्भया कांड के 6 साल पूरे होने पर रविवार को पीड़िता को याद करते हुए तमाम बाधाओं के बावजूद महिलाओं की सुरक्षा के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया

Updated On: Dec 16, 2018 02:57 PM IST

FP Staff

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निर्भया कांड की छठी बरसी: दोषी आज भी जिंदा हैं, ये कानून व्यवस्था की नाकामयाबी है: निर्भया की मां

निर्भया कांड के आज यानी 16 दिसंबर को 6 साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि ऐसे अपराध के दोषी आज भी जिंदा हैं. ये कानून व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी असफलता है. उन्होंने कहा कि हम लड़कियों से यही कहना चाहते हैं कि खुद को कभी भी कमजोर मत समझो. इसके साथ हीं उन्होंने माता-पिता से अपील भी की, 'वे अपनी बेटियों को पढ़ाई से वंचित न रखें.'

वहीं दूसरी तरफ इस मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश को महिलाओं के लिए बेहतर स्थान बनाने को कहा. ममता बनर्जी ने ट्विटर पर लोगों से महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करने की अपील की. उन्होंने लिखा, ‘दिल्ली में हुए भयावह निर्भया हादसे के आज छह वर्ष पूरे हो गए. इस हादसे ने देश को हिला दिया था. एक समाज के तौर पर हमें देश को महिलाओं के लिए बेहतर स्थान बनाना चाहिए. महिलाओं के खिलाफ हिंसा को ‘ना’ कहें.’

इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निर्भया  कांड के 6 साल पूरे होने पर रविवार को पीड़िता को याद करते हुए तमाम बाधाओं के बावजूद महिलाओं की सुरक्षा के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया.

केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, ‘दिल्ली के इतिहास में आज के दिन छह वर्ष पहले सबसे जघन्य अपराध हुआ था. निर्भया को अपने मन-मस्तिष्क में जिंदा रखने के लिए हमें तमाम बाधाओं के बावजूद महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़ा संघर्ष सुनिश्चित करना होगा.’

6 साल पहले उस काली रात की पूरी कहनी 

16 दिसंबर 2012 की रात 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया था. फिर निर्भया को उसके दोस्त सहित सड़क पर फेंक दिया गया था. पीड़िता को बाद में इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया लेकिन वह बच नहीं पाई. हादसे के खिलाफ देश में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किए गए.

सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनपर बलात्कार और हत्या का मामला चलाया गया. इन आरोपियों में से एक ने जेल में ही खुद को फांसी लगा ली थी, जबकि हादसे के समय उनमें से एक नाबालिग था जिसे सुधार गृह में अधिकतम तीन वर्ष की सजा दी गई. अन्य चार बाद में बलात्कार और हत्या के दोषी पाए गए. उन्हें बाद में मौत की सजा सुनाई गई, जिसपर अभी तामील नहीं हुई है.

(भाषा से इनपुट)

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