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ऑपरेशन ‘नमक हराम’ से पाक कलाकार बेनकाब

News18 India के इस स्टिंग ऑपरेशन से साफ है कि हमारी अर्थव्यवस्था में काला धन किस तरह हावी है.

Updated On: Nov 21, 2016 08:50 AM IST

FP Staff

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ऑपरेशन ‘नमक हराम’ से पाक कलाकार बेनकाब

नोटबंदी के फैसले से पहले टैक्स चोरी करने वाले 500 और 1000 के नोटों का भरपूर उपयोग करते थे. केंद्र के इस फैसले से ऐसे काले कारोबारियों को धंधा मंदा होने की उम्मीद जताई जा रही है.

News18 India के एक स्टिंग ऑपरेशन में पाकिस्तानी कलाकारों के कालेधन कारोबार में शामिल होने का खुलासा हुआ है. पाकिस्तानी कलाकार हिंदुस्तान में टैक्स से बचने के लिए काले धन का इस्तेमाल करते हैं. इनका यह गोरखधंधा इनके मैनेजर चलाते हैं.

News18 India ने पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान, गायक राहत फतेह अली खान, शफकत अमानत अली खान और पाकिस्तानी मॉडल मावरा होकैन के मैनेजरों पर स्टिंग किया.

News18 India के रिपोर्टर दिल्ली के एक कारोबारी के मैनेजर के तौर पर पाकिस्तानी कलाकारों के मैनेजर से मिले. इनसे कारोबारी की बेटी की शादी में पाकिस्तानी कलाकारों को परफार्म करने का प्रस्ताव दिया.

नाम और पहचान बदलकर News18 India रिपोर्टर पहले शफकत अमानत अली खान की मैनेजर मनु कोहली से मिले. मनु दिल्ली के हौज खास इलाके से आर्टिस्ट मैनेजमेंट कम्पनी चलाती हैं. मनु ही हिंदुस्तान में शफकत के हर कार्यक्रम को मैनेज करनी हैं.

shafqat

रिपोर्टर ने मनु कोहली को बताया कि वो दिल्ली के एक कारोबारी अग्रवाल की बेटी की शादी में शफकत की गायकी का कार्यक्रम करवाना चाहते हैं.

मनु कोहली ने इस कार्यक्रम के लिए शफकत अमानत अली खान की फीस 25 लाख रुपए बताई. उन्होंने कहा कि आने-जाने और रुकने का खर्च अलग से देना होगा. इसमें शफकत के ग्रुप के आठ लोगों का खर्च भी शामिल होगा. कोहली ने कहा कि सर्विस टैक्स इस रकम के अलाव देना होगा.

मनु कोहली के पार्टनर राकेश गुप्ता ने रिपोर्टर को इस पूरे भुगतान की रसीद देंगे और सर्विस टैक्स भी सरकार के पास जमा करवाएंगे. गुप्ता ने कहा,’इस पूरे कारोबार में कोई घालमेल नहीं है. सबकुछ एकदम साफ सुथरा होगा. आप चाहें तो चेक, ड्राफ्ट या फिर RTGS के जरिए भुगतान कर सकते हैं.’

गुप्ता की बातचीत से सारा कारोबार साफ-सुधरा दिख रहा था. लेकिन असलियत में ऐसा था नहीं.

थोड़ी देर बातचीत के बात राकेश गुप्ता और मनु कोहली ने रिपोर्टर से केवल 5 से 7 लाख रुपए की बिलिंग करवाने का दबाव बनाया. उन्होंने बाकि रकम नकद में देने के लिए जोर दिया. बाद में दोनों ने 15 लाख रुपए काले धन के रुप में देने की बात पर सहमति जताई.

गुप्ता ने बुकिंग कन्फर्म करने के लिए नकद पहले मांगा.

राहत फतेह अली खान के मैनेजर के साथ भी ऐसा ही सौदा तय हुआ. यहां कुल 63 लाख रुपए फीस में से 23 लाख रुपए के अलावा बाकि पूरी रकम नकद में देने को कहा गया.

दोनो गायकों को बुकिंग कन्फर्म होने के बाद फार्मा कारोबारी अग्रवाल के मैनेजर के रूप में फवाद खान के मैनेजर से मिलने गए. यहां भी रिपोर्टर ने कारोबारी की बेटी की शादी में फवाद खान की परफार्मेन्स बुक की. लेकिन यहां भी कहानी वही निकली.

Fawad-Khan

रिपोर्टर: आपने हमारी कंपनी के बारे में तो सुना होगा. हमारे मालिक अग्रवाल साहब की बेटी की शादी है. यह बड़ा आयोजन है. इसमें पैसे की कोई दिक्कत नहीं है. उनकी बेटी और दामाद चाहते हैं कि इस मौके पर कोई सेलेब्रिटी भी शामिल हो.

फवाद खान के मैनेजर:  तो आप संगीत के लिए क्या चाहते हैं.

रिपोर्टर: दरअसल कुल पांच कार्यक्रम हैं. चार के लिए कलाकारों को फायनल कर लिया गया है. अग्रवालजी की बेटी फवाद खान की बहुत बड़ी फैन हैं. वो चाहतीं है कि पांचवें में फवाद खान शामिल हों.

फवाद खान के मैनेजर: शादी दिल्ली में है?

रिपोर्टर: हां.

फवाद खान के मैनेजर: थोड़ा मुश्किल होगा. उनका दिल्ली आना अभी मुमकिन नही हो पाएगा.

रिपोर्टर:  क्यों ?

फवाद खान के मैनेजर:  आपने भारत-पाकिस्तान के मसले के बारे में सुना नहीं है.

रिपोर्टर: वो तो मुंबई में है. दिल्ली में कोई समस्या नहीं होगी.

 फवाद खान के मैनेजर: मुझे नहीं लगता कि यह दिल्ली में हो पाएगा. फिर भी मैं एक बार देखूंगा.

रिपोर्टर: हमारा एक कार्यक्रम गुड़गांव में भी है.

फवाद खान के मैनेजर: वो तो दिल्ली ही है.

रिपोर्टर: हां है तो दिल्ली लेकिन गुड़गांव सुरक्षित है. यह एक निजी कार्यक्रम है. आम जनता की भीड़ इसमें नहीं है.

फवाद खान के मैनेजर: मैं देखता हूं.

रिपोर्टर: आप मुझे कोई अंदाजा दे दीजिए.

फवाद खान के मैनेजर: मैं आपको एस्टीमेट दे देता हूं.

रिपोर्टर: पेमेंट कैसे होगा ये बता दीजिए. 60-70 लाख में से पूरा व्हाइट में देना मुमकिन नहीं हो पाएगा.

फवाद खान के मैनेजर: ये एक आदमी के लिए है.

रिपोर्टर: अगर एक आदमी के लिए है तो ग्रुप के लिए 70-80 लाख रुपए तो बन ही जाएगा. पूरा सफेद देने में मुझे समस्या होगी.

फवाद खान के मैनेजर: पूरे ग्रुप का करोड़ में जाएगा.

रिपोर्टर: जो भी हो लेकिन पूरा व्हाइट नहीं दे सकते.

फवाद खान के मैनेजर: हम इसको कुछ पर्सेंट में बांट सकते हैं. मैं अभी आपको क्या दूं? मैं आपको अभी कुछ  लिखित में नहीं दे सकता. आप मुझे फोन पर बता दीजिएगा कितना किस तरह देना चाहते हैं. आप पर्सेंट बताएंगे. मैं रकम जोड़ लूंगा.

रिपोर्टर: मुझे लगता है कि इस मसले पर हम फोन पर ना ही बात करें तो बेहतर है.

फवाद खान के मैनेजर: ठीक है. अगर आप 25 पर्सेंट कहेंगे तो मैं समझ जाउंगा कि आप इतना ब्लैक में देना चाहते हैं और बाकि व्हाइट. फिर हम तय कर लेंगे.

इत बातचीत से इतना तो साफ था कि फवाद खान के मैनेजर अपनी कुल फीस का 25 फीसद हिस्सा काले धन के रुप में चाहते हैं. उन्होंने हमें यह भी बताया कि टैक्स बचाने के लिए हम फवाद के यूएई एकाउंट में सीधे पैसे जमा करवा सकते हैं.

नोटबंदी के बाद से इस बात पर बहस चल रही है कि आखिर काला धन किस तरह से हमें नुकसान पहुंचा रहा है. News18 India के इस स्टिंग ऑपरेशन से साफ है कि हमारी अर्थव्यवस्था में काला धन किस तरह हावी है.

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