लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब चौथी बार राष्ट्र को संबोधित करने के लिए खड़े हुए तो सबकी नजरें इस बात पर टिकी थीं कि कश्मीर, आंतकवाद और आंतरिक-वाह्य सुरक्षा को लेकर उनका नजरिया कैसा रहेगा.
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर आतंकवाद पर सख्ती तो दिखाई. लेकिन, कश्मीर में भटके हुए नौजवानों को वापस मुख्यधारा में आने की अपील भी की. मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा कि ना गाली से ना गोली से, हर कश्मीरी को गले लगाकर परिवर्तन होगा.
प्रधानमंत्री की तरफ से दिए गए इस संदेश से साफ है कि सरकार हर हाल में कश्मीरी नौजवानों और आम कश्मीरी का दिल जीतने की कोशिश कर रही है. सरकार ये बताना चाहती है कि हम आम कश्मीरी के हितों की रक्षा के लिए हर वक्त तैयार हैं.
दरअसल, पाकिस्तान की तरफ से चलाए जा रहे आतंकवाद से कश्मीर में अशांति का माहौल होता है. वहीं घाटी के अलगाववादियों की पाकिस्तान के साथ सांठ-गांठ के चलते घाटी में शांति भंग करने की कोशिश लगातार होती रहती है.
गलत तरीके से पाकिस्तान से आ रही फंडिंग का इस्तेमाल कर ये सभी अलगाववादी कश्मीर के भीतर मासूमों के हाथों में पत्थर थमा देते हैं. उन्हें पत्थरबाजी के लिए मजबूर कर देते हैं. प्रधानमंत्री का संदेश भारत के खिलाफ आम कश्मीरी को भड़काने की कोशिश में लगे इन अगलाववादियों के मंसूबे पर पानी फेरने की सरकार की कोशिश के तहत देखा जा रहा है.
प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया कि इन अलगाववादियों के साथ-साथ आतंकवादियों को भी बख्शा नहीं जाएगा. घाटी में अशांति के माहौल के बीच कश्मीर के लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री की तरफ से इसे बड़ी पहल के तौर पर देखा जा रहा है.
इस वक्त पाकिस्तान से लेकर चीन से लगी सीमा पर तनाव का माहौल है. डोकलाम इलाके में चीन की दादागिरी की कोशिश को भारत ने करारा जवाब दिया है. वहीं पाकिस्तान से लगी सीमा और लाइन ऑफ कंट्रोल के पास भी भारतीय सैनिकों की तरफ से जबरदस्त जवाबी कारवाई की जा रही है.
ऐसे में राष्ट्र अपने प्रधान से इस मौके पर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी जानने को उत्सुक था. लेकिन आजादी के 70 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री ने भारत की तरफ टेढ़ी नजर देखने वालों को चेतावनी भी दे दी.
प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया कि भारत अपनी रक्षा करने में पूरी तरह समर्थ है. सीमा से लेकर सागर तक हर जगह देश अपने-आप में सामर्थ्यवान है. एक बार फिर से पिछले साल हुए सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र उन्होंने देश की ताकत का एहसास पूरी दुनिया को करा दिया.
दरअसल, सरकार की तरफ से कश्मीर में अलगाववादी नेताओं पर लगाम कसने से लेकर आतंकवादियों के सफाए के लिए भी व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. ऑपरेशनल ऑल आउट के नाम से चलाए जा रहे अभियान के तहत घाटी में लगातार आतंकवादी सरगना और दूसरे आतंकवादियों को सुरक्षा बल के जवान ढ़ेर कर रहे हैं.
आतंकवादियों में इस बात को लेकर खलबली है. अलगाववादी भी बेचैन हैं. लिहाजा प्रधानमंत्री की तरफ से आम कश्मीरी को अपने साथ रख इन अलगाववादियों को अलग-थलग करने की कोशिश है. इसी रणनीति के तहत प्रधानमंत्री आम कश्मीरी को गले लगाने की बात कर रहे हैं.
मोदी का न्यू इंडिया पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से लाल किले की प्राचीर से इस बार न्यू इंडिया बनाने के संकल्प को फिर से दोहराया गया. मोदी ने कहा कि हम ऐसा न्यू इंडिया बनाना चाहते हैं जिसमें तंत्र से लोक नहीं चलता हो, बल्कि लोगों से तंत्र चले. उन्होंने कहा कि एक ऐसा न्यू इंडिया बनाना चाहते हैं जो सुरक्षित, समृद्ध, शक्तिशाली हो, जिसमें सबको समान अवसर मिले.
प्रधानमंत्री ने आजादी के 70 साल पूरे होने के मौके पर खासतौर से उन युवाओं को शुभकामना दी, जिनका जन्म 21 वीं सदी में हुआ है. अब वो 18 साल के होने जा रहे हैं. 2019 में लोकतंत्र के महापर्व में उनकी भागीदारी भी होगी. मोदी उन युवाओं को भारत का भाग्यविधाता बता रहे हैं.
न्यू इंडिया बनाने की कोशिश में लगे मोदी ने सभी सवा सौ करोड़ देशवासियों को मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया. सबका आह्वान किया कि एकजुट होकर अगर चलें तो फिर हमें आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता.
मोदी पुरानी पड़ी व्यवस्था और उसी शिथिलता से वाकिफ हैं. अब उनकी तरफ से उस पुरानी सोंच को भी बदलने की कवायद हो रही है. मोदी का कहना है कि अब चलता है, चलने दो की तरह काम नहीं चलने वाला. अब तो बदला है, बदल रहा है, बदल सकता है के नजरिए से काम करना होगा. उनका दावा है कि बदलने के विश्वास और हौसले से आगे बढ़ा जाए तो फिर सबकुछ संभव है.
भ्रष्टाचार पर फिर से वार
लाल किले की प्राचीर से मोदी ने एक बार फिर भ्रष्टाचार पर वार किया. दावा किया कि नोटबंदी से भ्रष्टाचार के भस्मासुर को खत्म करने में काफी मदद मिली. कालाधन के खिलाफ अपनी सरकार की लड़ाई को और मजबूत करने का ऐलान कर मोदी ने भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना फिर दिखाया.
लालकिले की प्राचीर से दिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में एक ऐसे भारत की परिकल्पना थी, जिसमें हम सुरक्षित महसूस कर सकें, तमाम विविधता के बावजूद एक होकर रह सकें, भ्रष्टाचार से परे विकास के एजेंडे पर आगे कदम रख सके, हर जगह अपने-आप को सुरक्षित महसूस कर सकें.
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