किसान संगठनों ने स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करवाने और किसानों की आमदनी को बढ़ाने के मुद्दे पर अब सरकार से आरपार की लड़ाई का बिगुल बजा दिया है. किसान संगठनों ने 1 से 10 जून तक किसानों को अपने गांव को सील करने और गांव से बाहर शहर में कोई भी सामान जैसे कि सब्जियां, फल और दूध ना भेजने का ऐलान किया है.
मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई किसान संगठनों के नेता चंडीगढ़ में इकट्ठे हुए थे और एग्रीकल्चरल एक्टिविस्ट देवेंद्र शर्मा की अगुवाई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इन्होंने ऐलान किया था कि 1 जून से लेकर 10 जून तक गांव को पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा.
इस दौरान किसी को भी गांव से बाहर दूध और फल-सब्जियां सप्लाई करने की परमिशन नहीं दी जाएगी. साथ ही जब तक कोई बहुत ही जरूरी काम नहीं होगा किसान और उनके परिवार के लोग गांव से बाहर नहीं जाएंगे. गांव का कोई भी व्यक्ति शहरों की तरफ नहीं जाएगा.
किसान नेताओं का कहना है कि लंबे वक्त से वो स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करवाने और किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए सरकार से गुहार लगाते रहे हैं और कई तरह के आंदोलन भी कर चुके हैं लेकिन सरकार ने इन किसानों की सुध तक नहीं ली है. इस वजह से अब किसान इस तरह का आंदोलन करने को मजबूर हो गए हैं.
अगर इसके बाद भी सरकार नहीं सुनती है तो आंदोलन को और आगे बढ़ाया जा सकता है. किसान नेताओं ने देश भर के किसानों से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की है.
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