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नेशनल हेराल्ड मामला: AJL की याचिका पर 16 जनवरी को सुनवाई करेगी अदालत

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि आईटीओ के प्रेस एरिया में स्थित परिसर खाली करने संबंधी एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एजेएल की याचिका पर 16 जनवरी को सुनवाई की जाएगी

Updated On: Jan 09, 2019 02:01 PM IST

Bhasha

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नेशनल हेराल्ड मामला: AJL की याचिका पर 16 जनवरी को सुनवाई करेगी अदालत

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि राजधानी में आईटीओ के प्रेस एरिया में स्थित परिसर खाली करने संबंधी एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र के प्रकाशक एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की याचिका पर 16 जनवरी को सुनवाई की जाएगी. पहले अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए 15 जनवरी की तारीख निर्धारित की थी परंतु मामले के वकीलों की उपलब्धता नहीं होने की वजह से इसमें बदलाव किया गया.

अदालत को सुबह बताया गया था कि केंद्र की ओर से मामले में बहस करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एजेएल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी बुधवार को उपलब्ध नहीं है, इसलिए मामले को 15 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया जाए.

बाद में, सवा 12 बजे दोनों पक्षों के वकीलों ने चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वीके राव की पीठ के समक्ष फिर से मामले का उल्लेख करके इसकी सुनवाई 16 जनवरी को करने का अनुरोध किया क्योंकि सिंघवी 15 जनवरी को भी उपलब्ध नहीं होंगे. अदालत ने दोनों पक्षों की सहमति के बाद मामले को 16 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.

कोर्ट ने दिया था परिसर खाली करने का आदेश

एकल न्यायाधीश ने दिल्ली आईटीओ स्थित प्रेस एरिया में परिसर खाली करने के केंद्र के आदेश के खिलाफ दायर एजेएल की याचिका 21 दिसंबर, 2018 खारिज कर दी थी. एकल न्यायाधीश ने एजेएल को दो सप्ताह में आईटीओ परिसर खाली करने का आदेश देते हुए कहा था कि इस अवधि के बाद सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जा हटाना) अधिनियम, 1971 के तहत परिसर खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

एजेएल ने एकल न्यायाधीश के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. एकल न्यायाधीश ने कहा था कि एजेएल पर यंग इंडिया (वाईआई) ने कब्जा कर लिया जिसकी (वाईआई) हिस्सेदारी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के पास है.

केंद्र और भूमि एवं विकास कार्यालय (एलडीओ) ने अपने आदेश में कहा था कि बीते कम से कम दस साल से परिसर में कोई प्रेस काम नहीं कर रही है और पट्टा समझौते का उल्लंघन करके इसका केवल वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिये इस्तेमाल किया जा रहा था. एजेएल ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में इन आरोपों से इंकार किया था.

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