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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से बताने की कोशिश की कि ‘देश बदल रहा है’

पीएम की तरफ से यह बताने की कोशिश की जा रही थी कि देश इन पांच सालों में कितना बदल गया है और कितना बदल रहा है

Updated On: Aug 15, 2018 11:30 AM IST

Amitesh Amitesh

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से बताने की कोशिश की कि ‘देश बदल रहा है’

72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को अपने संबोधन के दौरान देश के विकास के रास्ते पर आगे ले जाने को लेकर अपनी बेसब्री का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं बेसब्र हूं, क्योंकि जो देश हमसे आगे निकल चुके हैं, हमें उनसे भी आगे जाना है. मैं बेचैन हूं, हमारे बच्चों के विकास में बाधा बने कुपोषण से देश को मुक्त कराने के लिए. मैं व्याकुल हूं, देश के हर गरीब तक समुचित हेल्थ कवर पहुंचाने के लिए, ताकि वो बीमारी से लड़ सके'

पीएम मोदी ने कहा, 'मैं व्यग्र हूं, अपने नागरिकों के जीवन स्तर (Quality of Life) को सुधारने के लिए. मैं अधीर हूं, क्योंकि हमें ज्ञान-आधारित चौथी औद्योगिक क्रांति की अगुवाई करनी है. मैं आतुर हूं, क्योंकि मैं चाहता हूं कि देश अपनी क्षमताओं और संसाधनों का पूरा लाभ उठाए.'

चार सालों का गिनाया हिसाब

मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर पांचवी बार लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया. उसके बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान उन्होंने अपनी बेचैनी और बेसब्री का जिक्र किया. 82 मिनट तक चले अपने भाषण के दौरान मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री अपनी सरकार की चार साल की उपलब्धियों का जिक्र भी किया.

उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि कैसे देश बदल रहा है. चार सालों में देश विकास के रास्ते पर कैसे चल पड़ा है. चार साल में देश की धमक दुनिया भर में कितनी बढ़ गई है. देश के गरीबों का जीवन-स्तर कितना सुधर गया है. देश के सामान्य लोगों को पहले की तुलना में कितनी ज्यादा सुविधाएं मिल रही हैं.

एक बार फिर प्रधानमंत्री ने टीम इंडिया का जिक्र करते हुए कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी सवा सौ करोड़ देशवासियों का मिलकर आगे बढ़ना होगा. उन्होंने कहा कि 2014 में देशवासी केवल सरकार बनाकर ही नहीं रुके, बल्कि, आगे भी देश बनाने के काम में जुटे रहे.

2013 से की तुलना

प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार आने से पहले 2013 के विकास की रफ्तार का हवाला देते हुए कहा कि अगर 2013 की रफ्तार से सरकार चल रही होती तो धुएं वाला चूल्हा खत्म नहीं होता. 2013 की रफ्तार से LPG कनेक्शन बांटने में दशकों लग जाते. इसी तरह उन्होंने देश भर में हाईवे निर्माण से लेकर बाकी कई विकास की योजनाओं का जिक्र किया.

अपनी सरकार के चार साल से ज्यादा के कार्यकाल में देश भर में स्वच्छता अभियान की सफलता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब WHO की रिपोर्ट में भी इस बात की तारीफ हो रही है कि इस अभियान से भारत में तीन लाख बच्चों की जिंदगी बच गई है. घरों और स्कूलों में बड़े पैमाने पर शौचालय का निर्माण हुआ है.

मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में किसानों की आमदनी बढ़ाने पर जोर दिया है. खासतौर से आजादी के 75 साल पूरा होने यानी 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य भी रखा गया है. कुछ महीने पहले ही सरकार ने फसलों के समर्थन मूल्य में डेढ़ गुना की बढ़ोत्तरी की है. प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से इसका भी जिक्र किया.

सोया हुआ हाथी जगा

इसके अलावा चार सालों में 99 सिंचाई परियोजना की शुरुआत करना, टैक्स सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए जीएसटी लागू करना और देश के रिटायर्ड फौजियों के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना को लागू करने को भी प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धि के तौर पर जिक्र किया.

दुनिया भर में इस समय भारत की साख बढ़ी है. अब विदेशों में भारत की धमक पहले से कहीं ज्यादा है. यह मोदी सरकार की सफल विदेश नीति का परिचायक रहा है. इसके अलावा भारत के भीतर दुनिया के दूसरे देशों की तरफ से निवेश के लिए बेहतर जगह बताया जाना बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री ने इस बात का भी जिक्र करते हुए कहा कि भारत के लिए पहले रेड टेप था अब रेड कारपेट ने जगह ले ली है. मोदी ने कहा कि अब तो दुनिया मानने लगी है कि सोया हुआ हाथी जाग चुका है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान सरकार की तरफ से शुरू की गई सभी महत्वपूर्ण योजनाओं का जिक्र किया. मोदी ने मुद्रा योजना से लेकर उज्जवला योजना और सौभाग्य योजना तक का जिक्र किया जिससे देश भर में आज हर गांव में रोशनी आ गई है. नॉर्थ-ईस्ट के विकास को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में भी बिजली पहुंच गई है. वहां बिजली पहुंची तो गांव के लोग जश्न मना रहे है. नॉर्थ ईस्ट में इस वक्त बीपीओ खुल रहे हैं. खेल के मैदान में इस इलाके की धमक दिख रही है.

अपनी सरकार के ईमानदार प्रयास और इस दौरान भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ अभियान का भी जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर दिखाया. उन्होंने कहा कि सरकार की अलग-अलग योजनाओं और पेंशन  का फायदा गलत तरीके से लिया जा ता था. जो लोग पैदा ही नहीं हुए, उनके नाम के आधार पर फर्जी लिस्ट तैयार की जाती थी. इससे सरकार को भारी नुकसान होता था. लेकिन, अब पेंशन योजनाओं से लेकर गरीबों को अनाज वितरण तक हर काम में पारदर्शिता आई है.

मोदी केयर या जन आरोग्य अभियान

मोदी सरकार जन आरोग्य अभियान को सबसे बडे अभियान के तौर पर देख रही है. कई लोग इसे गेमचेंचर मान रहे हैं. उम्मीद की जा रही थी कि प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस योजना लॉन्च कर सकते हैं. लेकिन, लाल किले की प्राचीर से उन्होंने इस बात का ऐलान किया कि अगले 25 सितंबर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर इस अभियान को लॉन्च किया जाएगा. इस अभियान से देश के दस करोड़ गरीब परिवार यानी लगभग 50 करोड़ लोगों को पांच लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा होगी. इस योजना को मोदी केयर के नाम से भी संबोधित किया जाने लगा है.

मोदी ने रोजगार से भी इस योजना को जोड़ दिया. उन्होने कहा कि इस योजना से देश भर में अलग-अलग जगहों पर हेल्थ सेंटर खोले जाने से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.

प्रधानमंत्री मौजूदा कार्यकाल में पांचवी बार लाल किले की प्राचीर से देश के लोगों को संबोधित कर रहे थे. इसके बाद अब अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होना है, लिहाजा उनकी तरफ से अपनी सरकार के कार्यकाल में देश में हुई प्रगति को बताने का प्रयास किया जा रहा था. उनकी तरफ से यह बताने की कोशिश की जा रही थी कि देश इन पांच सालों में कितना बदल गया है और कितना बदल रहा है.

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