अंडमान और निकोबार के तीन लोकप्रिय द्वीपों - रॉस द्वीप, नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप - को नए साल से पहले नए नाम मिल सकते हैं. पीएम मोदी से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 75 वीं वर्षगांठ पर पोर्ट ब्लेयर की यात्रा के दौरान इसकी घोषणा कर सकते हैं. सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में तिरंगा फहराया था.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा- 'सरकार ने रॉस द्वीप का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप के रूप में बदलने का फैसला किया है. नील द्वीप को शाहिद द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम स्वराज द्वीप कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि देंगे. इस महीने के अंत में पीएम की यात्रा के दौरान द्वीप के लिए अन्य योजनाओं के साथ इसकी घोषणा की जाएगी.'
एक महीने पहले, पश्चिम बंगाल बीजेपी के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने प्रधान मंत्री को लिखा था कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का नाम बदलकर 'शहीद और स्वराज द्वीप' किया जाए.
बोस ने 30 दिसंबर, 1943 को पोर्ट ब्लेयर में तत्कालीन जिमखाना ग्राउंड (अब नेताजी स्टेडियम) में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था और घोषणा की थी कि अंडमान और निकोबार द्वीप स्वतंत्र होने वाला पहला भारतीय क्षेत्र है. उस समय द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानियों ने द्वीप पर कब्जा कर लिया था.
उन्होंने अंडमान द्वीप को शहीद और निकोबार द्वीप को स्वराज नाम दिया था और आईएनए के जनरल ए डी लोगनाथन को इसका गवर्नर नियुक्त किया था.
30 दिसंबर को पीएम जाएंगे अंडमान:
पीएम मोदी 30 दिसंबर को गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ द्वीपों का दौरा करेंगे. दोनों पोर्ट ब्लेयर में 150 मीटर ऊंचा झंडा फहराएंगे. इसके अलावा इस अवसर पर एक स्मारक टिकट और सिक्का जारी किया जाएगा.
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