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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम तोड़ने की प्रक्रिया शुरू, नगर आयुक्त ने दिया था आदेश

25 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में दर्ज SLP में पारित आदेश के बाद नगर आयुक्त ने 10 नवंबर को बालिका गृह भवन को ध्वस्त करने का आदेश दिया था

Updated On: Dec 13, 2018 03:47 PM IST

FP Staff

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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम तोड़ने की प्रक्रिया शुरू, नगर आयुक्त ने दिया था आदेश

मुजफ्फरपुर बालिका गृह भवन को तोड़ने के लिए टीम पहुंच गई है. भवन को तोड़ने के लिए गठित टीम का नेतृत्व निगम के कार्यपालक अभियंता सुरेश कुमार सिंहा कर रहे हैं. मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सारी कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है.आपको बता दें कि पहले इसे बुलडोजर से ध्वस्त किया जाना था, लेकिन पड़ोसियों की आपत्ति के बाद नगर निगम ने इसे मैनुअल तरीके से तोड़ने की तैयारी की है. दरअसल बालिका गृह तक पहुंचने का रास्ता भी बेहद संकरा है और एक साथ बिल्डिंग के गिरने से ये ब्लॉक हो सकता है.

इसे तोड़ने के लिए मंगलवार को सारी तैयारियां पूरी कर ली गईं थी, लेकिन सामान निकालने और जब्ती सूची बनाने की प्रक्रिया लंबी चलने के कारण यह कार्य पूरा नहीं किया जा सका था. यह प्रक्रिया बुधवार को भी जारी रही. अंतत: आज इसे तोड़े जाने की कार्रवाई शुरू हो गई है.

मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती में शेल्टर होम से जब्त किए जा रहे सामानों को NRDA में रखा जा रहा है. बालिका गृह में तैनात मजिस्ट्रेट जनार्दन प्रसाद ने सोमवार को इस बाबत बयान भी जारी किया था कि मंगलवार को इसे ध्वस्त किया जाएगा. हालांकि इसमें देरी हो गई और आज कार्रवाई शुरू हुई है.

किसने दिया था आदेश?

दरअसल साहू रोड पर मुजफ्परपुर शेल्टर होम केस के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का शेल्टर होम उनकी मां मनोरमा देवी के नाम से है. यह बिल्डिंग बायलॉज के विरुद्ध बनाया गया है जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताई थी.

चार मंजिले बालिका गृह भवन में बीते सात दिसंबर को CBI और FSL की टीम ने मुजफ्फरपुर पहुंचकर बालिका गृह का निरीक्षण किया था. इस दौरान पानी की टंकी तक को खंगाला गया था ताकि इस कार्रवाई में कोई सबूत नष्ट न हो.

बिल्डिंग बायलॉज के खिलाफ बने बालिका गृह के भवन को ध्वस्त करने का नगर आयुक्त ने आदेश दे दिया था. 10 नवंबर को जारी आदेश में कहा गया था कि भवन का नक्शा जी प्लस वन का पास था, जबकि भवन जी प्लस 3 की ऊंचाई का बना है. इस तरह पूरे भवन को ही अवैध मानते हुए उसे तोड़ देने का आदेश जारी कर दिया गया था.

25 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में दर्ज SLP में पारित आदेश के बाद नगर आयुक्त ने 10 नवंबर को बालिका गृह भवन को ध्वस्त करने का आदेश दिया था.

(साभार-न्यूज़ 18)

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