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कहानी फिल्मी है! 1980 में मुंबई में मर्डर करके गायब हत्यारा 39 साल बाद पकड़ा गया

कोल्हापुर में कक्षा चौथी तक पढ़ाई करने के बाद पवार, 80 के दशक में पैसा कमाने के लिए 21 की उम्र में मुंबई आ गया था, उसे गन्ने की जूस के एक दुकान में नौकरी मिल गई थी

Updated On: Feb 13, 2019 11:16 AM IST

FP Staff

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कहानी फिल्मी है! 1980 में मुंबई में मर्डर करके गायब हत्यारा 39 साल बाद पकड़ा गया

साल 1980 में मुंबई के लोअर परेल इलाके के एक निवासी की हत्या करने वाले हत्यारे को बीते मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया. अब उसकी उम्र 60 साल है. बता दें कि मर्डर करने वाले नारायण पवार ने एक साल जेल में बिताया था लेकिन 1981 में जमानत मिलने के बाद वह गायब हो गया था. मिड डे की खबर के अनुसार कोल्हापुर में कक्षा चौथी तक पढ़ाई करने के बाद पवार, 80 के दशक में पैसा कमाने के लिए 21 की उम्र में मुंबई आ गया था. उसे गन्ने की जूस के एक दुकान में नौकरी मिल गई थी.

पवार ने परेशान होकर उस भाई को मारने की योजना बनाई

एनएम जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया- वहां उसे एक स्थानीय भाई परेशान करने लगा. उस भाई ने नियमित रूप से पवार को पैसे के लिए बहुत परेशान किया और उसे अपमानित भी किया. आखिरकार पवार ने परेशान होकर उस भाई को मारने की योजना बनाई. हत्या के बाद एनएम जोशी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई और पवार को उसके अन्य दो सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया गया था. एक साल जेल में बिताने के बाद पवार को 1981 में जमानत मिल गई. उसके बाद वह गायब हो गया.

वे लोग हाटकानगले गए और वहां की वोटर लिस्ट हासिल की

कोर्ट ने दो साल के लिए समन जारी करने के बाद आखिरकार पवार के खिलाफ उद्घोषणा जारी कर दी लेकिन पुलिस उसे ढूंढ नहीं सकी. जनवरी 2019 में लंबित उद्घोषणाओं की जांच करते हुए पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने पवार का पता लगाने के लिए एनएम जोशी पुलिस थाने को निर्देश दिए. पवार के घर के पते में केवल हाटकानगले जिले, कोल्हापुर का उल्लेख था. पवार का पता लगाने के लिए पीएसआई रजनी उमरकर, कॉन्स्टेबल संतोष लोखंडे और अनिल राठौड़ की टीम बनाई गई थी. अधिकारी ने कहा- वे लोग हाटकानगले गए और पवार का पता लगाने के लिए वहां की वोटर लिस्ट हासिल की.

पवार अब एक हथकरघा कारखाने में काम कर रहा था

वोटर लिस्ट में पुलिस को एक ही नाम के चार-पांच लोग मिले. उन्होंने चुनाव आयोग के कर्मचारियों के रूप में लोगों को अपनी पहचान बताई और अंत में पवार को पाया जो अब एक हथकरघा कारखाने में काम कर रहा था. उसने अपना अपराध कबूल कर लिया और पुलिस को बताया कि उसे लगा कि वह कभी नहीं मिलेगा. जमानत पर छूटने के बाद पवार ने शादी कर ली थी और उसके दो बच्चे हैं. उसके परिवार को उसके अपराध के बारे में कुछ भी नहीं पता.

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