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मराठी साहित्य सम्मेलन में बोले गडकरी- दूसरे क्षेत्रों में नेताओं को नहीं देना चाहिए दखल

यह सम्मेलन लेखिका नयनतारा सहगल को दिया गया न्यौता वापस लेने को लेकर विवादों में रहा है. हालांकि, गडकरी ने इस विवाद का सीधे तौर पर जिक्र किए बगैर यह बात कही

Updated On: Jan 14, 2019 11:41 AM IST

Bhasha

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मराठी साहित्य सम्मेलन में बोले गडकरी- दूसरे क्षेत्रों में नेताओं को नहीं देना चाहिए दखल

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का मानना है कि नेताओं को अन्य क्षेत्रों में दखल नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी, एकैडेमिक इंस्टीट्यूशन, लिट्रेचर और पोएट्री जैसे क्षेत्रों को लोगों को अपने मामले खुद निपटाने चाहिए और इन मामलों में नेताओं को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.  गडकरी ने यवतमाल में सलाना मराठी साहित्य सम्मेलन के समापन समारोह में ये बात कही.

यह सम्मेलन लेखिका नयनतारा सहगल को दिया गया न्यौता वापस लेने को लेकर विवादों में रहा है. हालांकि, गडकरी ने इस विवाद का सीधे तौर पर जिक्र किए बगैर यह बात कही.

गडकरी ने कहा, 'इमरजेंसी के दौरान दुर्गा भागवत और पीएल देशपांडे जैसे मराठी लेखकों के भाषणों में राजनीतिक रैलियों से ज्यादा भीड़ जुटती थी. ये दोनों लोग चुनावों के बाद साहित्य के क्षेत्र में लौटे थे. उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता जैसी राजनीतिक नियुक्ति की भी मांग नहीं की थी.'

दुर्गा ने आपातकाल की खुल कर आलोचना की थी, जबकि देशपांडे ने आपातकाल हटने और 1977 में चुनाव की घोषणा होने के बाद जनता पार्टी के लिए प्रचार किया था.

'लेखकों को और नेताओं के बीच बातचीत जरूरी'

गडकरी ने कहा कि लेखकों और नेताओं के बीच सहयोग, समन्वय और बातचीत होना चाहिए. बातचीत के अभाव में गलतफहमी होती है और फिर बहस होती है. मंत्री ने कहा कि हमें विपरित विचार प्रकट करने वालों का सम्मान करना चाहिए.

गौरतलब है कि कुछ साल पहले पुरस्कार वापसी अभियान में शामिल रहीं प्रख्यात अंग्रेजी लेखिका सहगल को 92वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का उदघाटन करने के लिए आमंत्रित किया गया था. यह सम्मेलन 11 जनवरी को शुरू हुआ. मगर मनसे की तरफ से विरोध किए जाने पर आयोजकों ने आमंत्रण वापस ले लिया.

इस कदम की कई हलकों ने आलोचना की और यहां तक कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि यह उनकी पार्टी का आधिकारिक रूख नहीं है.

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि यह बीजेपी थी जो नहीं चाहती थी कि सहगल सम्मेलन में शरीक हों, हालांकि राज्य सरकार ने इस आरोप को खारिज कर दिया.

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