पुणे के पास भीमा-कोरेगांव में मराठा और दलितों के बीच हुई झड़प ने हिंसक रूप ले लिया है. इसके चलते मंगलवार को मुंबई में एहतियातन स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. हिंसक घटनाओं के बाद दलितों ने मंगलवार सुबह मुंबई में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे को रोककर ट्रैफिक को ठप कर दिया. वहीं आंदोलनकारियों ने मुंबई की हार्बर लाइन को भी ब्लॉक कर दिया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हालात का जायजा ले रहे हैं. राज्य के 8 जिलों में धारा 144 लगा दी गई है. दलित समूह ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का ऐलान भी किया है.
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भीमा कोरेगांव मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट के जज इस जांच की अगुवाई करेंगे. साथ ही उन्होंने इस मामले में हुई एक युवक की हत्या के मामले की सीआईडी जांच के भी आदेश दिए हैं. और मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा देने का भी ऐलान किया है. फडणवीस ने कहा है कि हिंसा भड़काने और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
#MahaCasteWar | Maharashtra CM Devendra Fadnavis monitoring situation. Section 144 imposed in 8 districts #LIVE: https://t.co/cR0cFdExUu pic.twitter.com/zDecsemEV3
— News18 (@CNNnews18) January 2, 2018
पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा में हुई एक व्यक्ति की मौत की शरद पवार ने निंदा की है. उन्होंने इस मुद्दे पर कहा कि लोग वहां पिछले 200 सालों से जा रहे हैं. पहले कभी ऐसा नहीं हुआ. यह उम्मीद थी कि 200वें वर्षगाठ के कार्यक्रम में ज्यादा लोग आएंगे. इस मामले में ज्यादा ध्यान देने की जरुरत थी.
Pune: Buses vandalised in Hadapsar, Fursungi; all bus services to Ahemadnagar, Aurangabad suspended #BhimaKoregaonViolence pic.twitter.com/8ZH7zNsfwD
— ANI (@ANI) January 2, 2018
बता दें कि 200 साल पहले हुई एक लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की सेना को हराया था. दलित नेता इस ब्रिटिश जीत का जश्न मनाते हैं. ऐसा समझा जाता है कि तब अछूत समझे जाने वाले महार समुदाय के सैनिक ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की ओर से लड़े थे. हालांकि, पुणे में कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने इस ‘ब्रिटिश जीत’ का जश्न मनाए जाने का विरोध किया था. पुलिस ने बताया कि जब लोग गांव में युद्ध स्मारक की ओर बढ़ रहे थे तो शिरूर तहसील स्थित भीमा कोरेगांव में पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं.
कार्यक्रम में जा रहे लोग और स्थानीय समूह में हुई झड़प
एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई है. हालांकि, उसकी पहचान और कैसे उसकी मौत हुई इसका अभी ठीक-ठीक पता नहीं चला है. हिंसा तब शुरू हुई जब एक स्थानीय समूह और भीड़ के कुछ सदस्यों के बीच स्मारक की ओर जाने के दौरान किसी मुद्दे पर बहस हुई.
Maharashtra: Security heightened in Mumbai's Chembur #BhimaKoregaonViolence pic.twitter.com/WGAIDaKJX7
— ANI (@ANI) January 2, 2018
भीमा कोरेगांव की सुरक्षा के लिये तैनात एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बहस के बाद पथराव शुरू हुआ. हिंसा के दौरान कुछ वाहनों और पास में स्थित एक मकान को क्षति पहुंचाई गई. उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के बाद कुछ समय के लिये पुणे-अहमदनगर राजमार्ग पर यातायात रोक दिया. उन्होंने बताया कि गांव में अब हालात नियंत्रण में है.
अधिकारी ने बताया कि राज्य रिजर्व पुलिस बल की कंपनियों समेत और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन नेटवर्क को कुछ समय के लिए अवरूद्ध कर दिया गया ताकि भड़काऊ संदेशों को फैलाने से रोका जा सके.
क्या है भीम-कोरेगांव की लड़ाई का इतिहास?
बता दें कि भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की सेना को हराया था. दलित नेता इस ब्रिटिश जीत का जश्न मनाते हैं. ऐसा समझा जाता है कि तब अछूत समझे जाने वाले महार समुदाय के सैनिक ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की ओर से लड़े थे. हालांकि, पुणे में कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने इस 'ब्रिटिश जीत' का जश्न मनाए जाने का विरोध किया था.
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