हम अक्सर जरा सी दिक्कत होते ही परेशानी में आ जाते हैं. ऐसे समय पर हम कुछ सोच नहीं पाते और परेशानी से लड़ने की बजाए, बस अपने आपको कोसने लगते हैं. लेकिन दुनिया में ऐसे कम ही लोग हैं, जो जीवन की बड़ी से बड़ी अड़चन को हंसते-खेलते पार कर जाते हैं. और लोगों के सामने एक मिसाल खड़ी करते हैं.
ऐसी ही एक प्रेरणा देने वाली कहानी है उमा शर्मा की, जिनके शरीर ने उनका साथ देना छोड़ दिया है. लेकिन वो आज भी हर रोज लड़ती हैं और अपना काम पूरी शिद्दत से करती हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सहारनपुर की रहने वाली 60 साल की उमा शर्मा के शरीर के निचले हिस्से का आधे भाग में लकवा मार चुका है. वो अपना बिस्तर छोड़कर कहीं नहीं जा पाती हैं. लेकिन आपको ये जानकार हैरानी होगी कि वो अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी के साथ पिछले दस सालों से निभा रही हैं.
Saharanpur: Despite lower-half of her body being paralysed, 64-year-old Uma Sharma, principal of National Public School, has been instructing authorities from her bed with the help of tablet & mobile phone for the last 10 years. She also takes virtual classes pic.twitter.com/ayVQpyaXpp
— ANI UP (@ANINewsUP) December 29, 2017
उमा, नेशनल पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल हैं. वो अपने काम को लेकर इस कदर गंभीर हैं कि बेड़ पर रहते हुए भी फोन और टैब की मदद से ऑथोरिटीज को निर्देष देती हैं और काम करती हैं. वो बतौर प्रिंसिपल पिछले दस सालों से काम कर रही हैं. और कभी-कभी वीडियो के जरिए भी क्लासेस लेती हैं. अगर उमा जैसी हिम्मत हर किसी में आ जाए, तो दुनिया की हर बड़ी मुश्किल मामूली नजर आएगी.
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