आंचलिक मौसम केन्द्र के अनुसार, राज्य में मानसून अगली 19 और 20 जुलाई को फिर सक्रिय होने का अनुमान है. इस दौरान प्रदेश के खासकर पश्चिमी भागों में कई जगहों पर बारिश हो सकती है, जबकि पूर्वी भागों में कुछ जगहों पर बादल बरसने की सम्भावना है.
रुक-रुककर ही सही लेकिन हो रही है बारिश
हालांकि, पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में कुछ जगहों पर बारिश हुई. इस दौरान सफीपुर और अंकिनघाट में 5-5 सेंटीमीटर, अकबरपुर में 4, चुर्क और भिनगा में 3-3, कन्नौज, गोण्डा, बलरामपुर, बिंदकी, बरेली, मऊरानीपुर और गुन्नौर में 2-2 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई.लगभग पूरा जून सूखा गुजरने के बाद पिछली एक जुलाई से राज्य के खासकर पूर्वी हिस्सों में मानसून की खासी सक्रियता की वजह से अनेक हिस्सों में करीब 11 दिनों तक रोजाना रुक-रुककर बारिश हुई थी. उसके बाद से मॉनसून कुछ कमजोर पड़ गया.
खतरे के निशान के करीब बह रही हैं नदियां
हालांकि, इस महीने के शुरुआत में राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई बारिश का असर नदियों के बढ़े जलस्तर के रूप में अब भी बरकरार है.
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, शारदा नदी पलियाकलां में अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं, शारदानगर में इसका जलस्तर लाल चिह्न के नजदीक बना हुआ है.
घाघरा नदी एल्गिनब्रिज, अयोध्या और तुर्तीपार में खतरे के निशान के नजदीक बह रही है. क्वानो नदी का जलस्तर चंद्रदीपघाट में लाल चिह्न के करीब बना हुआ है.
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उत्तर प्रदेश में इस महीने के शुरुआती 11 दिनों तक लगभग पूरे सूबे को भिगोने के बाद कुछ कमजोर पड़े मानसून के जल्द ही फिर जोर पकड़ने की सम्भावना है.