संसद में मॉनसून सत्र के दौरान सूचना के अधिकार कानून में संसोधन के लिए एक बिल को पास करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यह बिल आरटीआई अधिकारियों, विपक्षी दलों और कार्यकर्ताओं के वेतन को संशोधित करने के लिए है. बता दें कि मॉनसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होने जा रहा है जोकि 10 अगस्त तक चलेगा.
2005 के कानून के मुताबिक केंद्र में मुख्य सूचना आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त को समान वेतन मिलता है. जबकि राज्यों में राज्य सूचना आयुक्त और चुनाव आयुक्त का वेतन बराबर है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने सुझाव दिया कि सूचना आयुक्त और चुनाव आयुक्त का वेतन समान होना अच्छा नहीं है क्योंकि चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है जो कि निष्पक्ष चुनाव के लिए जिम्मेदार है वहीं सूचना आयोग कानूनी निकाय है जिसे RTI के दायरे में आने वाली शिकायतों और प्रार्थनाओं का निस्तारण करने के लिए बनाया गया है.
आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज ने आरटीआई के माध्यम से प्रस्तावित बिल पर कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग से जानकारी मांगी. जिसके जवाब में डीओपीटी ने कहा कि बिल विचाराधीन है, जिसके कारण जानकारी प्रदान नहीं की जा सकती. अंजली भारद्वाज ने कहा कि सत्र शुरू होने के बाद हम प्रदर्शन करेंगे. क्योंकि कार्यकर्ता पारदर्शिता और सार्वजनिक परामर्श की इस कमी की आलोचना कर रहे हैं.
इस सत्र में 18 नए बिल सूचीबद्ध किए गए हैं. हालांकि विपक्षी दलों ने अभी तक अपनी कार्यवाही की योजना तैयार नहीं की है, लेकिन वामपंथी दलों का कहना है कि वे भीड़ द्वारा की जाने वाली हत्याओं के बढ़ते मामले को उठाएंगे.
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