रूस-भारत की वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत पहुंच चुके हैं. आज यानी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी खास मुलाकात होगी. इस बैठक के लिए पुतिन दो दिवसीय भारत यात्रा पर गुरुवार को यहां पहुंचे. इस बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच एस-400 वायु रक्षा प्रणाली सहित अंतरिक्ष और ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है.
पुतिन यहां गुरुवार की रात में ही पहुंचे, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पुतिन की अगुवानी की. उसके बाद पुतिन सीधे लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री निवास गए, जहां दोनों नेताओं ने आमने-सामने बैठक की. बाद में प्रधानमंत्री ने उनके लिए एक निजी डिनर पार्टी दी. पुतिन के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और व्यापार व उद्योग मंत्री डेनिस मंतुरोव शामिल हैं.
बैठक के पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपति पुतिन, भारत में आपका स्वागत है. बातचीत को लेकर उत्सुक हूं, इससे भारत-रूस संबंध और प्रगाढ़ होंगे.’ उनका ट्वीट रूसी भाषा में भी पोस्ट किया गया.
Добро пожаловать в Индию, президент Путин! Желаю Вам плодотворного пребывания в Индии. С нетерпением жду наших переговоров, которые несомненно укрепят дружбу между Индией и Россией. @KremlinRussia pic.twitter.com/cEW4y8sDJr
— Narendra Modi (@narendramodi) October 4, 2018
19वां भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन यहां शुक्रवार को होगा. रूसी रक्षा कंपनियों के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों के मद्देनजर मोदी और पुतिन के इसमें द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा करने की उम्मीद है. दोनों नेताओं के ईरानी कच्चे तेल के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंधों सहित प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करने की संभावना है.
यात्रा के दौरान जोर ‘एस-400 ट्राइअम्फ’ मिसाइल प्रणाली समझौते पर होगा. क्रेमलिन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा था कि इस यात्रा की खास बात एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिए समझौते पर दस्तखत है और यह करार पांच अरब डॉलर का होगा. सम्मेलन में दोनों नेता विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा करेंगे. इनमें मास्को के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध और आतंकवाद विरोधी सहयोग शामिल हैं.
हस्ताक्षर किए जाने वाले समझौतों से रक्षा, अंतरिक्ष, व्यापार, ऊर्जा और पर्यटन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. लेकिन मुख्य ध्यान एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली सौदे पर होगा क्योंकि यदि इस पर हस्ताक्षर किए गए तो इससे रूस से हथियारों की खरीद पर अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन हो सकता है. भारत ने संकेत दिए हैं कि अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद वह करार की दिशा में आगे बढ़ेगा.
भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए. रूस भारत के प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक रहा है. सूत्रों ने पहले कहा था कि मोदी और पुतिन ईरान से कच्चे तेल के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभाव पर भी विचार करेंगे.
मोदी के साथ बातचीत करने के अलावा रूसी नेता पुतिन शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ भी बैठक करेंगे. वह प्रतिभाशाली बच्चों के एक समूह के साथ भी बातचीत करेंगे और भारत-रूस व्यापार बैठक को संबोधित करेंगे.
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Oct 5, 2018
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा 'हमारे देश परमाणु ऊर्जा में दोस्तों की तरह हैं. अब हम सिर्फ टेक्नोलॉजी को खरीद और बेच नहीं रहे हैं. हम भारत में इनका उत्पादन करने के लिए भी एकसाथ काम कर रहे हैं. रक्षा में भी, हम इन्हें 'मेक इन इंडिया' के तहत इसे बना रहे हैं.'
भारत का रूस के साथ व्यापार 20 प्रतिशत बढ़ा. दुनिया में बदलाव आना सामान्य बात है. जीएसटी एक बहुत बड़ा कदम है. भारत और रूस के संबंधों को देखते हुए मैं कहना चाहता हूं कि भारत के राज्यों में व्यापार में आसानी पर बहुत काम हुआ है. मैं चाहता हूं कि रूस और हमारे राज्यों के बीच संवाद और बढ़े. पिछले तीन साल में विदेशी निवेश दोगुना हुआ.
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-रूस बिजनेस समिट में कहा 'हम एक दूसरे से मिलने का कोई मौका नहीं छोड़ते. दुनिया बदल रही है, लेकिन भारत और रूस के बीच संबंध कभी नहीं बदलेंगे.'
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत-रूस बिजनेस समिट के लिए पहुंच चुके हैं.
दोनों पक्षों ने सैन्य-तकनीकी सहयोग की चल रही परियोजनाओं की महत्वपूर्ण प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और दोनों देशों के बीच संयुक्त रिसर्च और सैन्य-तकनीकी उपकरणों के संयुक्त उत्पादन की दिशा में सकारात्मक बदलाव को पहचाना.
भारत और रूस ने S-400 लॉन्ग रेंज एयर मिसाइल सिस्टम के कॉन्ट्रैक्ट का स्वागत किया. दोनों पक्षों ने सैन्य-तकनीकी सहयोग को बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की.
पुतिन ने कहा कि उन्होंने सीरिया के हालात पर पीएम मोदी को जानकारी दी है. और उन्होंने ईरान से तेल खरीदने पर अमेरिकी प्रतिबंधों पर भी बात की है.
पुतिन ने कहा कि रूसी रेलवे कंपनी भारत में आधुनिक रेलरोड बनाने के लिए सहमति जता चुकी है. साथ ही रूस भारत की मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान लॉन्च करने में भी मदद करेगा.
पुतिन ने पीएम मोदी को अगले व्लॉडीवोस्टक फोरम में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है.
पुतिन ने कहा कि रूस गगनयान मिशन पर भारत की मदद करेगा.
पुतिन ने कहा कि रूस के साथ भारत के मजबूत रिश्ते हैं और हम इसे और मजबूत करेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों देश आपसी रणनीति और व्यापार-रक्षा संबंधों को भी आगे बढ़ाएंगे
पुतिन ने कहा कि वो ऐसी दोस्ती दिखाने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देते हैं.
रूसी राष्ट्रपति पुतिन अपना संबोधन दे रहे हैं.
हमने आज ऐसे कई प्रयासों पर विचार किया है, जिससे पीपुल टू पीपुल कम्युनिकेशन बढ़े और दोनों देशों के युवाओं में नए संबंध बने- पीएम मोदी
पीएम ने कहा कि हम रूस की भागीदारी का स्वागत करते हैं. भारत हमेशा रूस के साथ संबंधों को प्राथमिकता देता है. भारत की विकास की कहानी में रूस की भी भूमिका रही है
पीएम मोदी ने यहां जानकारी दी कि दोनों देशों के बीच रेलवे, अंतरिक्ष और नाभिकीय क्षेत्र में कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं.
पीएम मोदी और पुतिन एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं.
दोनों देशों के बीच हुई इस द्विपक्षीय बातचीत में दोनों ओर से विश्वसनीय सहयोगी और अधिकारी शामिल थे.
सूत्रों के हवाले से ये भी खबर आ रही है कि भारत और रूस ने अंतरिक्ष सहयोग पर भी डील किया है. इस डील के तहत सर्बिया के नोवोसिबर्स्क शहर में एक भारतीय मॉनिटरिंग स्टेशन बनाया जाएगा.
इस डील की घोषणा डेढ़ बजे की जाएगी. दोनों नेता एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे.
ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मोदी-पुतिन ने 500 अरब डॉलर की S-400 ट्राइअम्फ मिसाइल की डील पर हस्ताक्षर कर दिया है.
पुतिन भारत-रूस व्यापार बैठक को भी संबोधित करेंगे.
मोदी के साथ बातचीत करने के अलावा रूसी नेता पुतिन शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ भी बैठक करेंगे.
एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिए समझौता खास है और यह करार पांच अरब डॉलर का होगा. सम्मेलन में दोनों नेता विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा करेंगे. इनमें मास्को के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध और आतंकवाद विरोधी सहयोग शामिल हैं.
मोदी और पुतिन के बीच बातचीत जारी है.
भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए.
हस्ताक्षर किए जाने वाले समझौतों से रक्षा, अंतरिक्ष, व्यापार, ऊर्जा और पर्यटन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. लेकिन सबकी नजरें एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली सौदे पर होंगी क्योंकि अगर इस पर हस्ताक्षर किए गए तो इससे रूस से हथियारों की खरीद पर अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन हो सकता है.
पीएम मोदी और पुतिन इस मुलाकात के दौरान 20 से ज्यादा दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करेंगे.