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80,000 ओला-उबर ड्राइवर आज से हड़ताल पर, जानें खास बातें

उबर और ओला से जुड़े ड्राइवरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. इस हड़ताल के कारण मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे प्रमुख शहरों में ऐप बेस्ड ये कैब नहीं चलेंगी

Updated On: Mar 19, 2018 11:25 AM IST

FP Staff

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80,000 ओला-उबर ड्राइवर आज से हड़ताल पर, जानें खास बातें

सोमवार को कैब की सुविधा के भरोसे बैठे लोगों को खासा परेशानी होने वाली है क्योंकि सोमवार को कैब सर्विस कंपनी ओला और उबर के लगभग 80,000 कैब ड्राइवर हड़ताल पर हैं. ये रही कुछ जरूरी बातें-

- मोबाइल ऐप पर टैक्सी बुकिंग करने की सुविधा देने वाली कंपनी उबर और ओला से जुड़े ड्राइवरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. इस हड़ताल के कारण मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे प्रमुख शहरों में ऐप बेस्ड ये कैब नहीं चलेंगी.

- ये हड़ताल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने बुलाया है. हड़ताल का मुख्य मुद्दा ड्राइवरों के काम करने के हालात में सुधार लाना है.

- इस हड़ताल के समर्थन में देशभर में लगभग 80 हजार ड्राइवर ऑफलाइन रहेंगे.

- इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, मुंबई में ड्राइवर्स कंपनियों के ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र के थाणे, नासिक, और पुणे में कैब सर्विसें प्रभावित रहेंगी. वहीं दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद में ड्राइवर्स हड़ताल पर रहेंगे.

- एमएनएस के अध्यक्ष संजय नाइक ने कहा कि ओला और उबर ने ड्राइवरों से बड़े वादे किए थे, लेकिन आज वह अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. उन्होंने पांच से सात लाख रुपये निवेश किए और उन्हें मासिक आधार पर डेढ़ लाख रुपये तक कमाने की उम्मीद थी, लेकिन वह इसका आधा भी नहीं कमा पा रहे हैं, इसकी प्रमुख वजह इन कंपनियों का मैनेजमेंट का सही से काम ना करना है.

- नाइक ने आरोप लगाया कि बुकिंग में यह कंपनियां उनके स्वामित्व वाली टैक्सियों को तरजीह देती हैं, इससे भी ड्राइवरों की कमाई पर असर पड़ा है.

- नाइक का दावा है कि इन कंपनियों ने मुद्रा योजना के तहत ऋण लेने के लिए ड्राइवरों को गारंटीपत्र तो दिए, लेकिन उनका कोई सत्यापन नहीं किया. अब उनकी लागत पूरी नहीं होने से वह इसका भुगतान करने में सक्षम नहीं है.

- न्यूज18 की खबर के मुताबिक, संजय नाइक ने कहा है कि ये विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा. अगर कोई ड्राइवर हिंसा करता है तो वो उनसे हाथ जोड़कर मना करेंगे, अगर ऐसा नहीं होता है तो वो हालात से एमएनएस स्टाइल में निपटेंगे.

- बता दें कि मुंबई में इन कंपनियों की 45,000 से ज्यादा टैक्सियां हैं और अब काम कम होने से 20% कम टैक्सियां सड़कों पर दौड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि ड्राइवरों ने इस मामले में हस्तक्षेप के लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे से भी संपर्क किया है.

-  इसके पहले पिछले साल सितंबर में कैब ड्राइवरों ने हड़ताल किया था. उस बार कम सैलरी का मुद्दा उठाया गया था.

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