#MeToo कैंपेन के चलते विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर पर करीब 20 महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसके बाद उन्होंने 17 अक्टूबर 2018 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. अपने इस्तीफे में एमजे अकबर ने कहा था कि वह अपने ऊपर लगे आरोपों का निजी तौर पर सामना करेंगे. साथ ही खुद को देश की सेवा का मौका देने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभार भी जताया था. वहीं इस मामले में पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर ने आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया है लेकिन हैरानी की बात यह है कि आज भी एमजे अकबर ने ट्विटर पर अपना परिचय अपडेट नहीं किया है. ट्विटर पर उनका परिचय विदेश राज्यमंत्री के रूप में ही दिख रहा है. हालांकि ट्विटर पर अपना इस्तीफा पोस्ट करने के बाद से उन्होंने कोई ट्वीट नहीं किया है.
एमजे अकबर ने पत्रकार रमानी के खिलाफ किया मानहानि का केस
आपको बता दें कि जब से एमजे अकबर ने पत्रकार रमानी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया है तब से ‘द एशियन एज’ अखबार में काम कर चुकीं 19 महिला पत्रकार अपनी सहकर्मी प्रिया रमानी के समर्थन में आ गई हैं. इन महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान में रमानी का समर्थन किया और अदालत से गुजारिश की कि अकबर के खिलाफ उन्हें सुना जाए. उन्होंने दावा किया कि उन लोगों का अकबर ने यौन उत्पीड़न किया और दूसरी पत्रकार भी इसकी गवाह हैं. उन्होंने अपने हस्ताक्षर वाले संयुक्त बयान में कहा, ‘रमानी अपनी लड़ाई में अकेली नहीं हैं. मानहानि के मामले में सुनवाई कर रही माननीय अदालत से उनका आग्रह है कि याचिका दायर करने वाले एमजे अकबर द्वारा जिन महिला पत्रकारों का यौन उत्पीड़न किया गया उनकी गवाही पर विचार किया जाए.’
एम जे अकबर 'द टेलीग्राफ' के संपादक भी रह चुके हैं
एम जे अकबर (मोबासर जावेद अकबर) एक प्रमुख भारतीय पत्रकार, लेखक और राजनेता हैं. एम जे अकबर विदेश मामलों के राज्य मंत्री और मध्य प्रदेश से राज्यसभा में संसद सदस्य भी थे. अक्टूबर 2012 में वह साप्ताहिक अंग्रेजी समाचार पत्रिका 'इंडिया टुडे' के संपादकीय निदेशक बने थे. इस दौरान उन्हें मीडिया कंपनियों के संगठन तथा अंग्रेजी समाचार चैनल 'हेडलाइंस टुडे' की देखरेख के लिए एक अतिरिक्त जिम्मेदारी भी मिली हुई थी. एम जे अकबर 'द टेलीग्राफ' के संपादक भी रह चुके हैं. उन्होंने 2010 में साप्ताहिक समाचार पत्र 'द संडे गार्जियन' शुरू किया था. वह लगातार इसके प्रधान संपादक रहे. इससे पहले वह दक्षिण भारत की प्रमुख अंग्रेजी पत्रिका 'एशियन एज' के संस्थापक भी रह चुके थे. वह हैदराबाद के दैनिक समाचार पत्र 'डेक्कन क्रॉनिकल' के प्रधान संपादक भी रह चुके हैं. एम जे अकबर साल 2002 में 'स्टार न्यूज' (अब एबीपी न्यूज ) के लिए ‘अकबर का दरबार’ कार्यक्रम करते थे.
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