देश में ‘मी टू’ अभियान के जोर पकड़ने के साथ शनिवार को पत्रकारों के एक समूह ने यौन शोषण की घटनाएं उजागर करने वाली अपनी महिला सहकर्मियों के साथ एकजटुता दिखाते हुए यहां विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने साथ ही कार्यस्थल पर गरिमा सुनिश्चित करने के लिए यौन शोषण रोकथाम अधिनियम के उचित कार्यान्वयन की मांग को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया.
प्रदर्शनकारी पत्रकारों ने यौन दुराचार के आरोपियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने कई महिला पत्रकारों द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों से घिरे केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर को पद से हटाने की भी मांग की. अकबर पूर्व पत्रकार हैं और पूर्व में कई अखबारों के संपादक रह चुके हैं. उन्होंने अखबारों में शीर्ष पदों पर रहते हुए कथित रूप से महिला सहकर्मियों का यौन शोषण किया.
पत्रकार हाथों में तख्तियां लिए हुए थे जिसपर लिखा था कि कार्यस्थल पर यौन शोषण स्वीकार्य नहीं है और जवाबदेही शीर्ष से शुरू होती है. पत्रकारों ने अकबर को हटाने के लिए नारेबाजी की.
महिला पत्रकारों के संगठन का प्रदर्शन:
वरिष्ठ पत्रकार और महिला पत्रकारों के संगठन इंडियन वीमेंस प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) की अध्यक्ष टी आर राजलक्ष्मी ने कहा, ‘कार्यस्थल पर यौन शोषण स्वीकार्य नहीं है. हम उन महिलाओं को सलाम करते हैं जिन्होंने सामने आते हुए अपनी आपबीती बयां की. ऐसा करना आसान नहीं है और इस तरह की घटनाओं के बारे में बात करने के लिए बहुत हिम्मत चाहिए.’
आईडब्ल्यूपीसी की सदस्यों के अलावा प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार संसद मार्ग पर स्थित फ्री स्कूल चर्च के सामने जमा हुए और अधिनियम के उचित कार्यान्वयन की मांग को लेकर नारेबाजी की.
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