पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक मेहुल चौकसी ने अपने वकील संजय अबाट और राहुल अग्रवाल के जरिए मुंबई की एक स्पेशल सीबीआई कोर्ट से अपने खिलाफ जारी किए गए दो गैर जमानती वांरट को वापस लेने की बात कही है. मेहुल ने कहा कि अपने स्वास्थ्य की वजह से वह यात्रा करने की स्थिति में नहीं हैं. साथ ही भारत में उसकी जान को खतरा है. आए दिन बढ़ रही मॉब लींचिंग की घटनाओं को देखते हुए उसे डर है कि कहीं कोई उसकी भी मॉब लींचिंग न कर दे.
बीते बुधवार को मेहुल ने सीबीआई की स्पेशल कोर्ट का रुख किया था. उसने कहा कि चूंकि भारत में उसके जान को खतरा है, वह यहां नहीं लौट सकता. ऐसे में कोर्ट उसके खिलाफ जारी किए गए दोनों गैर जमानती वारंट वापस ले ले.
बता दें कि मुंबई की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने मेहुल चोकसी के खिलाफ ये वारंट बीते अप्रैल और मई में जारी किए थे. जिसके बाद अब मेहुल ने कोर्ट के सामने पेश न होने के दस कारण सीबीआई को सौंपे हैं. मेहुल ने इन कारणों में कहा है कि कुल पांच तरह के लोग हैं, जो मुझसे गुस्सा हैं और मेरे साथ कुछ भी कर सकते हैं.
इनमें से उनकी कंपनी के मौजूदा कर्मचारी, जिनके वेतन और बकाए चौकसी के खातों में फ्रिज कर दिए गए हैं, इस केस के वो कर्मचारी जो गिरफ्तार हुए हैं और अभी जेल में हैं, उनके परिवार वाले. इसके अलावा उनके मकान मालिक, बकाएदार और वो ग्राहक जिनकी ज्वेलरी ले लिए गए हैं.
चोकसी ने यह दावा किया है कि उसका मामला नीरव मोदी से बिल्कुल अलग है. इसके बावजूद उसकी संपत्तियों को कुर्क किया गया, जबकि इस मामले से उसका कोई लेना देना नहीं था. हालांकि अब चोकसी के इस अपील पर कोर्ट की अगली सुनवाई 11 जुलाई को तय की गई है.
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