#MeeToo कैंपेन के तहत पिछले कुछ दिनों के दौरान महिलाएं सामने आकर अपने साथ हुए यौन शोषण की सच्चाई बयां कर रही हैं. इसी कड़ी में दो महिलाओं ने राष्ट्रीय महिला आयोग (नेशनल कमिशन फॉर वूमेन) के खिलाफ केस दर्ज कराया है. इनका आरोप है कि संस्था के अंदर उनके साथ यौन शोषण हुआ था मगर जब उन्होंने इसकी शिकायत की तो उन्हें नौकरी से 'बर्खास्त' कर दिया गया.
एनसीडब्लू के दोनों पूर्व कर्मचारियों ने इसे लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हफिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार 2016 में इन महिलाओं ने तब के एनसीडब्लू के डिप्टी सेक्रेटरी के खिलाफ लगातार छेड़छाड़ और यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई है.
याचिकाकर्ताओं के अनुसार, एनसीडब्लू के वरिष्ठ प्रबंधन ने इसके खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई करने से इनकार किया. साथ ही उन्होंने ऐसे कदम उठाए जिससे यौन शोषण को और भी बल मिला. दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिका के अनुसार, एनसीडब्लू की तत्कालीन चेयरपर्सन ललिता कुमारमंगलम ने इन शिकायतों को नजरअंदाज किया. और उन्होंने एक शिकायतकर्ता महिला को नौकरी में बने रहने के लिए अपनी पर्फामेंस सुधारने तक की नसीहत दे डाली.
एक शिकायतकर्ता ने पूर्व में आरटीआई डालकर एनसीडब्लू से अपनी जॉब जाने की वजह पूछी थी. हालांकि उसे इसपर कोई जवाब नहीं मिला. सितंबर में सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिशन ने एनसीडब्लू की मेंबर सेक्रेटरी सतबीर बेदी को तलब कर उनसे संस्था के एंटी-आरटीआई रवैया को लेकर सवाल पूछा था.
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