पत्रकार जे डे मर्डर केस में कोर्ट ने छोटा राजन को दोषी करार दिया है. 11 में से दो आरोपियों को बरी किया गया है. जबकि 9 को दोषी माना गया था. छोटा राजन सहित 7 दोषियों को आजीवन कैद की सजा दी गई है. राजन के अलावा इस मामले में दोषी ठहराए गए अन्य लोगों में सतीश कालिया, अनिल वाघमोडे, अभिजीत शिंदे, नीलेश शेंदगे, अरुण दाके, मंगेश अगवाणे, सचिन गायकवाड़ और दीपक सिसोदिया शामिल हैं.
MCOCA court in Mumbai sentences Gangster Chhota Rajan and 7 others to life imprisonment in journalist Jyotirmay Dey murder case pic.twitter.com/THulVw9fuB
— ANI (@ANI) May 2, 2018
इस मामले में मकोका कोर्ट ने जिगना वोरा और पॉलसन को बरी कर दिया है. पॉलसन जोसेफ पर साजिश से जुड़े वित्तीय लेन-देन का आरोप था.
मुंबई के पत्रकार ज्योतिर्मय डे (जे डे) हत्याकांड मामले में मुंबई की विशेष मकोका कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर अडकर की अदालत ने इस पर फैसला सुनाया है.
न्यायाधीश द्वारा बरी किए जाने के तुरंत बाद जिगना को अदालत में रोते हुए देखा गया.
नयी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद राजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बना. न्यायाधीश द्वारा दोषी करार दिए जाने और पूछे जाने पर कि क्या वह कुछ कहना चाहता है के जवाब में उसने कहा ‘ठीक है.'
इंडोनेशिया के बाली हवाईअड्डे से 2015 में गिरफ्तार किए जाने के बाद से यह पहला बड़ा आपराधिक मामला है जिसमें राजन को दोषी ठहराया गया.
जे डे हत्याकांड मामले में दोषी करार दिए जाने से पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फर्जी पासपोर्ट मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन सहित पासपोर्ट ऑफिस के तीन अधिकारियों को सात साल की सजा सुनाई थी. साथ ही चारों दोषियों पर 15000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था. 70 से अधिक मुकदमों में आरोपी छोटा राजन के खिलाफ भारत लाए जाने के बाद यह पहला मामला था, जिस पर कोर्ट ने उसे सजा सुनाई थी.
अक्टूबर 2015 में छोटा राजन जब ऑस्ट्रेलिया से इंडोनेशिया पहुंचा, तब इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के बाद उसे बाली में गिरफ्तार गिया था, जिसके बाद नवंबर 2015 में उसे भारत को सौंप दिया गया था.
वहीं जे डे हत्याकांड मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन मुख्य आरोपी था. उसके अलावा जिग्ना वोरा नाम की एक महिला पत्रकार समेत 10 अन्य लोग भी इसमें आरोपी हैं. इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी छोटा राजन वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद है.
पत्रकार जिग्ना वोरा के बारे में बताया जाता है कि उन्होंने ही जे डे के खिलाफ कथित रूप से छोटा राजन के कान भरे थे. वोरा पर यह भी आरोप है कि छोटा राजन को उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उकसाया था.
पत्रकार जे डे की हत्या मामले में अंतिम सुनवाई महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ आर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) की विशेष अदालत ने इसी साल फरवरी में शुरू की थी जो अप्रैल में खत्म हुई थी. इस मामले की जांच पहले पुलिस ने शुरू की थी जिसे बाद में क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया था.
56 साल के पत्रकार जे डे की 11 जून, 2011 को पोवई में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनकी मौत की जांच और अदालत में इसपर सुनवाई 7 साल तक चली जिसके बाद अब इसपर फैसला आया है.
कैस हुई थी हत्या
ज्योर्तिमय डे मुंबई में एक अंग्रेजी अखबार के लिए इंवेस्टिगेटिव और क्राइम रिपोर्टिंग करते थे. 11 जून 2011 की दोपहर मुंबई के पवई इलाके में अंडरवर्ल्ड के शूटरों ने उनकी हत्या कर दी थी. जेडे के सीने पर 5 गोलियां मारी गई थी. घटना के वक्त जेडे बाइक से कहीं जा रहे थे. उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. मुंबई पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की और दो शूटरों को गिरफ्तार कर लिया.
उस वक्त वह टैब्लॉयड ‘ मिड - डे ’ के लिए काम कर रहे थे.
अभियोजन पक्ष के मुताबिक यह हत्या राजन के इशारे पर की गई थी जो कथित तौर पर उन नकारात्मक खबरों से ‘नाखुश’ था जिनके मुताबिक डे उसकी सेहत और अंडरवर्ल्ड में खत्म होती उसकी पैठ पर लिख रहे थे.
इस मामले में राजन, गोली चलाने वाला सतीश जोसेफ उर्फ सतीश कालिया और वोरा समेत कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
अभियुक्तों में से एक विनोद असरानी की 2015 में मुकदमे के दौरान ही लंबी बीमारी के चलते मौत हो गई थी.
छोटा राजन के इशारे पर हुई हत्या
मामले में छोटा राजन का नाम भी सामने आया था. अभियोजन पक्ष के मुताबिक, छोटा राजन को यह लगता था कि जेडे उसके खिलाफ लिखते थे, जबकि मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का महिमामंडन करते थे. राजन को ये भी शक था कि उसे मरवाने के लिए जेडे डी कंपनी की मदद कर रहे हैं, क्योंकि जेडे को लंदन और फिलीपिंस में मिलने के लिए बुलाया गया था. सिर्फ इसी वजह से छोटा राजन ने जेडे की हत्या करवाई थी.
मुंबई अंडरवर्ल्ड पर किताब भी लिख रहे थे जेडे
जानकारी के मुताबिक, जेडे मुंबई अंडरवर्ल्ड पर किताबें भी लिख रहे थे. 'जीरो डायल' उनकी ही किताब है. छोटा राजन पर भी जेडे एक किताब लिख रहे थे. छोटा राजन पर रिसर्च के लिए वे कई लोगों से मिले, जिनमे छोटा राजन के दुश्मन डी कंपनी के लोग भी शामिल थे.
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