मैक्स अस्पताल द्वारा 'मृत' घोषित किए गए नवजात ने बुधवार को सच में दम तोड़ दिया है. बच्चे की पीतमपुरा के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. बीते 30 नवंबर को मैक्स अस्पताल में एक महिला ने जुड़वां बच्चों (एक लड़का और एक लड़की) को जन्म दिया था. जिनमें बच्ची मृत ही पैदा हुई थी.
Max hospital newborn twins medical negligence case: The newborn who was found to be alive later by parents has also passed away during treatment at a hospital in Pitampura #Delhi
— ANI (@ANI) December 6, 2017
अस्पताल ने बच्चे के माता-पिता को बताया कि दोनों बच्चे मृत पैदा हुए हैं और उन्हें बच्चे एक पोलिथिन बैग में सौंप दिए गए. लेकिन उनके अंतिम संस्कार से ठीक पहले परिवार ने पाया कि दो में से एक बच्चा जीवित है. दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल ने बाद में जीवित बच्चे को नर्सरी में रखने के लिए 50 लाख रुपए मांगे. परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी.
वहीं इस मामले में तीन सदस्यीय डॉक्टरों के पैनल ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. मैक्स हॉस्पिटल में हुई इस घटना के प्रारंभिक रिपोर्ट में पता चला है कि शिशु जीवित था या नहीं इसकी जांच के लिए ईसीजी ट्रेसिंग नहीं कि गई और नवजात के शरीर को लिखित निर्देश दिए बगैर परिवार वालों को सौंप दिया गया.
इससे पहले इस मामले में जीवित बच्चे को मृत बताने वाले दो डॉक्टरों को मैक्स हेल्थकेयर ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. प्रबंधन ने उनकी सेवाएं समाप्त करने का फैसला किया. ये निर्णय रविवार की रात घटना के संबंध में मैक्स हेल्थकेयर के अधिकारियों की एक बैठक में किया गया.
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