हाल ही में तेलंगाना में एक माओवादी दंपति ने आत्मसमर्पण किया था. जिसके बाद अब उन्हें पुलिस के जरिए आर्थिक मदद दी गई है. ताकि वे आगे की जिंदगी आसान बना सके.
माओवादी दंपति कोटि पुरषोत्तम और उनकी पत्नी कोटि विनोदिनी ने इसी साल 9 अक्टूबर को आत्मसमर्पण कर दिया था. जिनको हैदराबाद के पुलिस आयुक्त अंजनी कुमार ने 13 लाख रुपए से पुरस्कृत किया है. ये राशि उनके पुनर्वास में मदद करेगी.
Telangana: Maoist couple Koti Purshotham and his wife Koti Vinodhini who had surrendered on Oct 9 was rewarded with Rs 13 lakh by Anjani Kumar, Commissioner of Police, Hyderabad today. The amount will help them in their rehabilitation. pic.twitter.com/szXLlXE2AW
— ANI (@ANI) December 22, 2018
दरअसल, प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) से जुड़े इस दंपति ने राजनीतिक मतभेद और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण कर दिया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दंपति को मार्च 1991 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 3 महीने बाद अगवा किए युवा कांग्रेस के एक नेता को छोड़ने के बदले दंपति को रिहा करना पड़ा था. दोनों पर 8 लाख और 5 लाख रुपए का इनाम रखा गया था.
हैदराबाद पुलिस आयुक्त अंजनी कुमार के मुताबिक दोनों भाकपा (माओवादी) की एक प्रकाशन इकाई आंदोलन प्रचार समिति को देख रहे थे. साल 1981 में पीपुल्स वॉर ग्रुप से जुड़ने से पहले पुरुषोत्तम एक प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक थे. जिन्होंने एक शिक्षिका विनोदिनी से शादी की थी. पुरुषोत्तम ने पत्नी के सेहत और संगठन में आंतरिक मतभेदों के कारण आत्पसर्पण किया था. अब मुख्यधारा में दोनों शामिल होकर शांतिपूर्ण जिंदगी बिताना चाहते हैं.
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