केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर घरेलू हिंसा की पीड़ित महिलाओं को उनके पति से मिलने वाले वाले गुजारा भत्ते पर टैक्स में छूट देने की मांग की है.
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने अनुरोध किया है कि ऐसे मामलों में पत्नी और बच्चे को दिए जाने वाला गुजारा भत्ता टैक्स फ्री होना चाहिए क्योंकि पति की आय का हिस्सा होने के कारण यह राशि पहले ही कर के दायरे में आती है.
उन्होंने कहा कि इस छूट के लिए आयकर अधिनियम, 1961 में ‘संशोधन’ किया जाए.
मेनका ने जेटली को लिखे पत्र में कहा, ‘अगर वित्त मंत्रालय बच्चे के साथ-साथ महिलाओं को मिलने वाले अंतरिम गुजारा भत्ते पर विशेष छूट देने के लिए आयकर अधिनियम, 1961 में संशोधन कर सकता है तो मैं उसकी आभारी रहूंगी.’
आपराधिक दंड संहिता की धारा 125 के अनुसार अदालत किसी भी व्यक्ति को उसकी पत्नी और बच्चे की देखभाल के लिए धन देने का आदेश दे सकती है.
ट्विटर पर मेनका को बताई मुश्किल
मेनका का यह पत्र ट्विटर पर की गई उस शिकायत के बाद आया है, जिसमें एक महिला बैंकर ने हैशटैग हेल्पमीडब्ल्यूसीडी के साथ इस मुद्दे को उठाया है.
घरेलू हिंसा की पीड़ित याचिकाकर्ता ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘यह आय अभी मां की आय में जुड़ जाती है और इस पर कर लगता है. यह दूसरा कर नाबालिग बच्चे की देखभाल करने की प्रकृति के खिलाफ है क्योंकि यह मां की आय नहीं है बल्कि यह बच्चे के निर्वाह के लिए है.’
केंद्रीय मंत्री ने घरेलू हिंसा की पीड़िताओं के सामने आने वाली मुश्किल परिस्थितियों का जिक्र करते हुए जेटली से कर माफ करने की अपील की है.
मेनका ने लिखा, ‘कई मामलों में महिलाओं को भावनात्मक, शारीरिक, वित्तीय और मानसिक शोषण का सामना करना पड़ता है.’
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