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Mamata Vs Center: कौन हैं पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार, जिनके लिए धरने पर बैठ गईं ममता बनर्जी

राजीव कुमार ने ही चिटफंड घोटालों की जांच करने वाली एसआईटी टीम की अगुवाई की थी. इस टीम की स्थापना साल 2013 में की गई थी

Updated On: Feb 04, 2019 01:08 PM IST

FP Staff

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Mamata Vs Center: कौन हैं पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार, जिनके लिए धरने पर बैठ गईं ममता बनर्जी

कोलकाता में इस वक्त जो सियासी उथल पुथल मची हुई है उसकी शुरुआत पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के साथ हुई. राजीव कुमार ही वो पुलिस कमिश्नर हैं जिनकी वजह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और सीबीआई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और रातों रात धरने पर बैठ गईं.

ऐसे जानते हैं कि आखिर कौन हैं ये पुलिस ऑफिसर जिसने बंगाल सहित पूरे देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है?

कौन हैं राजीव कुमार?

राजीव कुमार बंगाल के 1989 बैच के IPS अधिकारी हैं और इस समय कोलकाता पुलिस कमिश्नर हैं. राजीव कुमार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है. वैसे राजीव कुमार मूल रूप से यूपी के चंदौसी के रहने वाले हैं.

राजीव कुमार के पिता आनंद कुमार चंदौसी के एसएम कॉलेज में प्रोफेसर थे. इसके बाद उनका परिवार यहीं बस गया. राजीव कुमार ने इसी महाविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की है. वह यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. बाद में उनकी पोस्टिंग पश्चिमी बंगाल में हो गई.

CBI की जांच के घेरे में कैसे आए राजीव कुमार?

दरअसल, राजीव कुमार ने ही चिटफंड घोटालों की जांच करने वाली एसआईटी टीम की अगुवाई की थी.  इस टीम की स्थापना साल 2013 में की गई थी. सूत्रों के मुताबिक SIT की जांच के दौरान घोटालों से जुड़े मामलों के कुछ अहम सबूत गायब कर दिए गए थे. इसी सिलसिले में सीबीआई राजीव कुमार से पूछताछ करना चाहती थी.

कैसे शुरू हुआ हंगामा?

दरअसल शारदा चिटफंड और रोज वैली मामले की जांच को लेकर सीबीआई, पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करना चाहती थी. लेकिन रविवार को जब सीबीआई की टीम पुलिस कमिश्नर के निवास पर पहुंची, कोलकाता पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. हालांकि, बाद में इन्हें छोड़ दिया गया.

इसके बाद ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के इशारे पर NSA चीफ अजित डोभाल ये सब कर रहे हैं. इसी के साथ ममता बनर्जी ने ये भी कहा कि सीबीआई की टीम परेशान करने के लिए उनके घर पर भी पहुंच गई थी.  इसके बाद से ही ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई. उनका ये धरना अभी भी जारी है.  ममता बनर्जी ने कहा, वह अपना सत्याग्रह तब तक जारी रखेंगी जब तक देश और संविधान की सुरक्षा तय नहीं हो जाती.

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