मूर्ति विसर्जन को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ ममता बनर्जी सुप्रीम कोर्ट का रुख नहीं करेंगी. इससे पहले माना जा रहा था कि ममता सुप्रीम कोर्ट जाएंगी, क्योंकि हाईकोर्ट का फैसला उनके हक में नहीं आया था. ममता ने कहा है कि कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि विसर्जन तभी किया जा सकता है, जब इसकी अनुमति देने के हालात हों.
उन्होंने कहा, अब राज्य सरकार को तय करना है कि विसर्जन को मुहर्रम के दिन अनुमति दी जाए या नहीं. स्थिति को देखते हुए अंतिम फैसला राज्य सरकार और पुलिस विभाग के ऊपर निर्भर करता है.
ममता सरकार की दलील थी कि एक ही दिन मोहर्रम और विसर्जन कराए जाने से कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है. हाईकोर्ट ने ये दलील नहीं मानी. अलबत्ता कोर्ट ने ये जरूर कहा कि सरकार मोहर्रम और दुर्गा विसर्जन के अलग रुट तय करे. हालांकि हाईकोर्ट ने अभी विसर्जन पर सरकार के नोटिफिकेशन को रद्द नहीं किया है. बल्कि राज्य सरकार के नोटिफिकेशन की भर्त्सना जरूर की है.
हाईकोर्ट ने कहा, मूर्ति विसर्जन प्रतिदिन होगा. विसर्जन के लिए लिए कोई एक दिन तय नहीं किया जाएगा. मूर्ति विसर्जन रात 12 बजे तक किया जा सकता है. पुलिस सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम करे. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वह लोगों को समुदाय और धर्म के आधार पर नहीं बांटे. गौरतलब है कि ममता सरकार ने दुर्गा विसर्जन को 30 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच करने पर पाबंदी लगा दी थी, क्योंकि एक अक्टूबर को मोहर्रम है. राज्य सरकार ने दो अक्टूबर को विसर्जन करने के लिए कहा था.
ममता सरकार के इस फैसले के खिलाफ हिंदू संगठन अदालत में चले गए थे. हाईकोर्ट ने ममता सरकार को निर्देश दिया है कि वो इसका रास्ता निकाले कि 30 सितंबर को आधी रात के बाद भी विसर्जन किया जा सके.
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