महाराष्ट्र के नासिक से निकला 30 हजार से अधिक किसानों और आदिवासियों का जत्था मुंबई पहुंच गया है. 12 मार्च को आंदोलनकारी किसान यहां सत्ता के केंद्र मंत्रालय का घेराव करेंगे. किसानों का आरोप है कि सरकार ने उनसे वादाखिलाफी की है.
#Maharashtra: All India Kisan Sabha's protest march reached Mumbai. Over 30,000 farmers held the march from Nashik to Mumbai demanding a complete loan waiver among other demands. pic.twitter.com/6UVj9WUxrZ
— ANI (@ANI) March 11, 2018
इस किसान मोर्चे में युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी सड़कों पर उतर आए हैं. रात घिरने वो सब सड़कों पर, खुले आसमान तले और नदी किनारे रुक जाते हैं और यहीं पर सो जाते हैं. रैली में तरह-तरह के रंगे देखने को मिल जाते हैं. मोर्चा में कई किसान नंगे पांव चल रहे हैं तो कुछ बांसुरी बजाते हुए लोकगीत गा रहे हैं लेकिन ये सभी धीरे-धीरे चलते हुए सरकार के दरवाजे पर आ खड़े हुए हैं.
#WATCH: Over 30,000 farmers of All India Kisan Sabha march in protest demanding a complete loan waiver among other demands. The march started from Nashik and reached Mumbai today. #Maharashtra pic.twitter.com/dKinWWnmhf
— ANI (@ANI) March 11, 2018
180 किलोमीटर लंबा यह विरोध मार्च सीपीएम की किसान ईकाई अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के बैनर तले निकाला जा रहा है. सीपीएम की किसान ईकाई ने महाराष्ट्र में बीते एक साल में कई किसान रैलियां निकाली हैं.
सरकार का दावा इस बार 'किसान हितैषी' बजट पेश की है
किसानों का यह मोर्चा ऐसे समय में निकल रहा है जब महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र शुरू है. शनिवार को राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनघंटीवार ने सदन में वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया. इससे एक दिन पहले 2018-18 के आए आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया कि कृषि आधारित अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है. वहीं सरकार ने दावा किया कि उसने 'किसान हितैषी' बजट पेश किया है.
किसानों का कहना है कि सरकार के किए 'अच्छे दिन' का वादा कहीं नहीं दिख रहा है.
राज्य की देवेंद्र फड़णवीस सरकार का दावा है कि उसने कर्ज माफी का अपना किया वादा निभाया है. और वो पिछली सरकारों की तुलना में किसानों के लिए अधिक कर रही है, फिर महाराष्ट्र में किसान गुस्से में क्यों हैं?
बंजर होते खेत, कर्ज माफी की सुस्त डिलीवरी और आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट इसके कुछ जवाब हैं.
गुलाबी कीड़े (पिंक वर्म) की वजह से विदर्भ और मराठवाड़ा में कपास की फसल पूरी तरह चौपट हो गई है- सरकार का अनुमान है कि इससे जिले में 30 फीसदी से लेकर 70 फीसदी फसलों को नुकसान पहुंचा है.
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