महाराष्ट्र में किसानों की रैली सोमवार को मुंबई पहुंच गई है. यहां ये लोग सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर अपनी मांगे रखेंगे. 25,000 लोगों से शुरू हुए इस जुलूस की शुरुआत 7 मार्च को हुई. इसमें लोगों की तादाद बढ़ती जा रही है.
180 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके ये किसान तमाम मुश्किलों के साथ अपना सफर जारी रखे हुए है. गणेश गांव के एक 48 साल के किसान अपने सर पर सोलर पैनल रखे हुए हैं. इससे वो रैली में चल रहे लोगों के फोन फ्री में चार्ज करते हैं. इस काम को करने की प्रेरणा के बारे में नाथू उदर कहते हैं कि ये पैनल उनके घर पर रखा था. उन्हें लगा कि इसे वो अपने सर पर बांध सकते हैं. इससे वो दूसरे किसानों के फोन चार्ज कर पाएंगे.
इसी तरह से कई किसानों के सामने खाने की समस्या है. कई किसान मूंगफली पर निर्भर हैं. साठ साल की सुंदरबाई मधु भोई अपने साथ ढेर सारी मूंगफली लेकर चल रही हैं. इन्हें वो लोगों के साथ बांट भी रही हैं.
इनमें से ज्यादातर किसानों की मांग स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने और छोटे, मझोले किसानों की कर्जमाफी की है. इसके अलावा किसान वनभूमि के आवंटन से जुड़े मामलों के निपटारे की मांग भी कर रहे हैं. स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों के अनुसार C2+50% यानी कॉस्ट ऑफ कल्टिवेशन (यानी खेती के खर्च) के साथ-साथ उसका पचास फीसदी और दाम समर्थन मूल्य के तौर पर मिलना चाहिए.
सरकार की कर्जमाफी योजनाओं में काफी अनियमिताएं सामने आ चुकी हैं. कर्जमाफी की प्रक्रिया डिजिटल कर दी गई है. लेकिन इसके लिए किसानों को किसी तरह की ट्रेनिंग नहीं दी गई.
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