राष्ट्रगान को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक नया आदेश दिया है. बुधवार को कोर्ट ने कहा कि मदरसों में राष्ट्रगान गाया जाना अनिवार्य है. हमें अपने राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना चाहिए. कोर्ट ने यह आदेश मदरसों में राष्ट्रगान गाने के योगी सरकार के फैसले के खिलाफ दाखिल एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुनाया है.
हाईकोर्ट के अनुसार राष्ट्रगान और राष्ट्रध्वज का सम्मान सभी का संवैधानिक कर्त्तव्य है. लिहाजा जाति, धर्म और भाषा के आधार पर इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जा सकता है. अलाउल मुस्तफा ने मदरसों में राष्ट्रगान गाने से छूट की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी. इसमें 6 सितंबर 2017 के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती दी गई थी. जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खण्ड पीठ ने स्पष्ट किया कि मदरसों को जन गण मन से छूट नहीं मिल सकती. इससे पहले योगी सरकार ने अनुदान प्राप्त मदरसों को स्वतंत्रता दिवस मनाने के निर्देश दिए थे.
इससे पहले भी सिनेमाघरों में फिल्म से पहले जन गण मन बजाने और उस पर खड़े होने को लेकर लंबी बहस हो चुकी है. कुछ दिन पहले राष्ट्रगान के समय न खड़े होने पर एक दिव्यांग के साथ बद्तमीजी की घटना भी सामने आई थी.
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