हाल ही में महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिन्द्रा ने NITI आयोग के एक ट्वीट को कोट कर लिखा, 'टेसी बॉलीवुड की किसी भी ऐक्ट्रेस से ज्यादा प्रसिद्ध होने की योग्यता रखती हैं. टेसी के पोस्टर हर भारतीय स्कूल में होने चाहिए, जो रूढ़ियों को खत्म करेगा और लड़कियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा.'
जवाब में एक यूजर ने उन्हें सुझाव दिया कि वह अपनी किसी SUV का नाम ही टेसी के नाम पर क्यों नहीं रख देते. आनंद ने रिप्लाई में महिंद्रा एंड महिंद्रा के वाइस प्रेसिडेंट विजय नाकरा को टैग कर ट्वीट किया, 'शानदार आइडिया. विजय तुम सुन रहे हो ना? TUV टेसी एडिशन कैसा रहेगा?'
इस पूरे मामले के बाद टेसी थॉमस चर्चा में हैं. हम आपको उन्हीं की कहानी से रूबरू कराने जा रहे हैं.
हम अकसर कहते हैं, फलाना काम करने में क्या है ? वो कोई रॉकेट साइंस नहीं.
जिस रॉकेट साइंस को हम बहुत कठिन मानते हैं. महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन के महज एक ट्वीट से सुर्खियों आईं डॉ. टेसी थॉमस जैसी महान हस्ती उसी 'रॉकेट साइंस' की ज्ञाता हैं.
कौन हैं टेसी थॉमस
'मिसाइल वुमन' के नाम से मशहूर वैज्ञानिक टेसी थॉमस किसी मिसाइल प्रॉजेक्ट का नेतृत्व करने वाली भारत की पहली महिला हैं. टेसी थॉमस इस समय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में एडवांस्ड सिस्टम्स लैब (हैदराबाद) की डायरेक्टर हैं. उन्होंने हैदराबाद में हाल ही में आयोजित ग्लोबल आंत्रप्रन्योरशिप समिट में बतौर स्पीकर भी हिस्सा लिया.
अप्रैल, 1964 में केरल के एक कैथोलिक परिवार में जन्मीं टेसी थॉमस का जन्म भी मिसाइल लॉन्च स्टेशन के पास ही हुआ था. उन्होंने कलीकट यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल में बीटेक किया. पूना यूनिवर्सिटी से गाइडेड मिसाइल का कोर्स किया. ऑपरेशंस मैनेजमेंट में एमबीए और मिसाइल गाइडेंस में पीएचडी की. आईएएस की परीक्षा दी. उनका डीआरडीओ और आईएएस का इंटरव्यू एक ही दिन था. उन्होंने डीआडीओ को चुना. वे डीआरडीओ में 1988 में शामिल हुईं. उन्होंने लंबी दूरी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल 'अग्नि' को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वे दुनिया में रणनीतिक परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों पर काम कर रही महिलाओं में से एक हैं
'मिसाइल मैन' के सानिध्य में बनीं 'मिसाइल वुमेन'
उन्होंने अपने पहला मिसाइल प्रोजेक्ट डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की अध्यक्षता में पूरा किया. उनकी उपलब्धियों में अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 प्रक्षेपास्त्र की मुख्य टीम का हिस्सा बनना और सफल प्रक्षेपण है. उन्होंने पृथ्वी, आकाश, अग्नि, नाग, धनुष, त्रिशूल और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों के अनुसन्धान और विकास पर काम किया. मिसाइल परियोजना में उन्होंने अग्नि मिसाइल के लगभग सभी संस्करणों को जन्म देने के लिए उन्हें अग्निपुत्री कहा जाता है. वे 2008 में अग्नि प्रणाली की परियोजना निदेशक बनीं. उसी समय उन्हें अग्नि-2 का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई. 2009 में उन्हें अग्नि-4 की परियोजना निदेशक बनाया गया.
Why dont you name the next SVU from Mahindra after Tessy ? Mahindra Tessy
— Vishy Sankara (@honshomyoshu) November 25, 2017
Tessy deserves to be more famous than the biggest Bollywood star.A poster of Tessy in every Indian school will wreck stereotypes&create enormous career aspirations for girls.RT to make her a star.Maybe you can download this pic, turn it into a poster.Give it to the nearest school https://t.co/EzNmiLy3ez
— anand mahindra (@anandmahindra) November 25, 2017
(साभार: न्यूज़18)
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