सोमवार से राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने तीन दिवसीय लेक्चर सीरीज 'भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का दृष्टिकोण' का आयोजन किया है. दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के पहले ही दिन संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत भी शिरकत करेंगे.
— RSS (@RSSorg) September 16, 2018
मोहन भागवत इस व्याख्यानमाला के पहले और दूसरे दिन लोगों को संबोधित भी करेंगे. इस कार्यक्रम में भागवत संघ के विचारों को रखेंगे. साथ ही मौजूदा समय में राष्ट्रीय हित के परिप्रेक्ष्य में कई समकालीन मुद्दों पर संघ की स्थिति स्पष्ट करेंगे. इस दौरान वो लोगों के सवालों के जवाब भी देंगे.
आरएसएस की ओर से 60 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधियों को शामिल होने का न्योता भेजा गया है. हालांकि इसमें भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को नहीं बुलाया गया है. पाकिस्तान को उसके आतंकवादी हरकतों के समर्थन और सीमा पर भारतीय जवानों की हत्या में शामिल होने के लिए इस कार्यक्रम से दूर रखा गया है. हालांकि चीन को इस कार्यक्रम के लिए बुलावा भेजा गया है. इसकी वजह भारत और चीन में काफी संस्कृतिक समानताएं होना है.
वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और सीपीआई ने भी इस कार्यक्रम से किनारा कर लिया है. समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने भी संघ के कार्यक्रम में आने से इनकार किया है.
पटना हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि बिहार के पूर्व CM को सरकारी आवास खाली करना होगा. कोर्ट ने निर्णय सुनाया कि जनता के पैसे से अब आराम तलबी नहीं चलेगी
बीकानेर के DM ने जनभावना के गुस्से और आक्रोश को देखते हुए CrPC की धारा 144 के तहत आदेश जारी किया कि बीकानेर राजस्व सीमा में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक 48 घंटे के भीतर जिला छोड़कर चले जाएं
कैटरीना कैफ के लिए साल 2018 कुछ खास नहीं रहा. जहां पिछले साल उनकी 2 फिल्में रिलीज हुई आमिर खान के साथ 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' और शाहरुख खान के साथ 'जीरो' लेकिन ये दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से पिट गई
विदर्भ को मैच जीतने के लिए 6 ओवर में 11 रन चाहिए थे और उसके पास पांच विकेट बचे थे. मैच पूरा होने के लिए काफी समय भी था लेकिन वह ड्रॉ के लिए मान गया
भारत की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस की टिकटें अगले 10 दिन के लिए बिक गई हैं
Sep 17, 2018
भावी भारत के बारे में संघ का दृष्टिकोण क्या है इस पर आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत 'भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का दृष्टिकोण' कार्यक्रम के दूसरे दिन बोलेंगे
संघ अपनी पीठ कभी नहीं थपथपाते, पिछले 20 सालों से रख रहे हैं हर काम का ब्यौरा, सामूहिकता कदम-कदम पर आपको संघ में मिलेगी
कोई भी आसमानी समस्या आ जाए तो संघ का व्यक्ति पहले वहां पहुंचता है. उन्हें आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग नहीं मिलती. देश के हर व्यक्ति को इसकी ट्रेनिंग दी जानी चाहिए
तिरंगा पहली बार फहराए जाने के समय से संघ इसके सम्मान के साथ जुड़ा हुआ है
संघ स्वालंभी है, इसका खर्चा चलाने के लिए एक पाई भी हम किसी से नहीं लेते. एक बार भगवा ध्वज को गुरू मान कर दक्षिणा देते हैं.
हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र है इसकी घोषणा हेडगेवार ने की
हिंदुत्व हम सबको जोड़ता है
सबसे बड़ी समस्या यहां का हिंदू है, अपने देश के पतन का आरंभ हमारे पतन से हुआ है: भागवत
सबकी विविधताओं का सम्मान करो
विविधताओं से डरने की जरूरत नहीं, सबको अपनाओ
हमारे बीच की दरारों को अंग्रेजो ने और चौंड़ा किया
किसी भी बात में एक जैसी समानता भारत में कहीं नहीं है
विविधताओं से भरा है हिंदू समाज
संपूर्ण हिंदू समाज को संगठित करने के लिए संघ की स्थापना हुई
प्रत्येक गांव में, गली में स्वंय सेवक खड़े करना संघ का संकल्प है, उन सेवकों का आचरण विश्वाशपात्र हो
हमको भेदमुक्त, स्वार्थ मुक्त समाज चाहिए :भागवत
राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ व्यक्ति निर्माण का काम करता है :भागवत
संघ की स्थापना के दो साल पहले ही हेडगेवार ने स्वयं सेवक मंडल बनाया था
हेडगेवार ने स्वस्थ समाज की कल्पना की : मोहन भागवत
राजगुरू जब भूमिगत हुए तब हेडगेवार ने उनके खाने पीने की व्यवस्था की: मोहन भागवत
गांधी जी जब येरवाड़ा में पकड़े गए तब उनके लिए हुए एकत्रिकरण बैठक में मुख्य प्रवक्ता के तौर पर कांग्रेस ने हेडगेवार को बुलाया
देश को जागृत करना था हेडगेवार का मुख्य मकसद :हेडगेवार
डॉ अब्दुल कलाम के अरुणाचल प्रदेश में दिए भाषण का भागवत ने अपने संबोधन में किया जिक्र
हमारे पास विविधता की परंपरा और संस्कृति है
कांग्रेस की विचारधारा का एक बड़ा योगदान देश को स्वतंत्र कराने में: भागवत
1945 में सुभाष जी की मृत्यु तक सशस्त्र क्रांति चली:भागवत
सभी प्रकार की विचारधाराओं के लोगों से हेडगेवार के संबंध सुलभ थे :भागवत
राजद्रोह के मामले में एक साल तक जेल में रहे हेडगेवार: भागवत
हेडगेवार ने उनके खिलाफ राजद्रोह के मामले में कहा, किस कानून के तहत अंग्रेजों को भारत पर शासन करने का अधिकार मिला
असहयोग आंदोलन में प्रचार के दौरान हेडगेवार पर देशद्रोह का आरोप लगा