56 साल के लंबे इंतजार के बाद सरदार सरोवर नर्मदा बांध प्रोजेक्ट पूरा हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इसका उद्घाटन किया. इसी दिन मोदी का 67वां जन्मदिन भी है. इस मौके पर उन्होंने गुजरात के गांधीनगर में अपनी मां हीरा बेन से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया. मोदी रात में ही अहमदाबाद पहुंच गए थे.
उनके कार्यक्रम के मुताबिक उन्हें पहले केवड़िया उतरना था लेकिन खराब मौसम के चलते पीएम मोदी का हेलीकॉप्टर दाभोई में उतारा गया. यहां से वे कार से केवड़िया गए. जहां उन्होंने सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन किया.
इस बांध की परिकल्पना सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1946 में ही की थी. 15 अप्रैल 1961 को जवाहर लाल नेहरू ने डैम का शिलान्यास किया. 56 साल में बनकर तैयार इस बांध पर करीब 65 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए.
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— ANI (@ANI) September 17, 2017
उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय पोत, परिवहन,राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, गुजरात के सीएम विजय रूपानी, डिप्टी सीएम नितिन पटेल, पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहे.
मोदी डभोई-वडोदरा में रैली भी करेंगे. 3 दिन में मोदी का ये दूसरा गुजरात दौरा है. इससे पहले जापान के पीएम शिंजो आबे की विजिट के चलते वे 13-14 सितंबर को अहमदाबाद में थे.
बीजेपी अपने शीर्ष नेता का जन्मदिन देशभर में 'सेवा दिवस' के रूप में मनाने जा रही है. इसके तहत पार्टी अध्यक्ष अमित शाह रांची में, वित्त मंत्री अरुण जेटली दिल्ली के कीर्तिनगर में, रेल मंत्री पीयूष गोयल चेन्नई में, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर मुम्बई में होंगे.
सभी मंत्री और पार्टी नेता देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. यह प्रधानमंत्री का 67वां जन्मदिन है.
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कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
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संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.
Sep 17, 2017
हमारे देश के वीर सेनापति अर्जन सिंह हमें छोड़कर चले गए. अभी कुछ दिन पहले हम एक कार्यक्रम में मिले तो वो खड़े होकर सैल्यूट करते थे. कल जब उन्हें मैं मिलने हॉस्पिटल गया तो शरीर साथ नहीं दे रहा था. ऐसे एक वीर सैनिक को हमने खो दिया है. उनकी त्याग तपस्या को ये देश याद रखेगा. आने वाली पीढ़ियां उनसे प्रेरणा लेकर देश के लिए कुछ करने का योगदान लेगी.
कल तक जो जंगल थे. रोजी रोटी कमाने के लिए लोगों को भटकना पड़ता था. अब वो रोजी रोटी लोगों के घर तक आएगी.
सरदार पटेल की प्रतिमा टूरिज्म का एक ऐसा सेंटर बन जाएगा. यहां के आस-पास के लोगों की रोजी-रोटी का सपना बनने वाला है. यह सपना मैंने देख रखा है. कुछ लोगों को लगता है कुछ मुट्ठी भर लोगों ने ही इस देश को आजाद किया. 1857 से 1947 तक मेरे आदिवासियों ने बलिदान दिया है. आजादी की जंग में आदिवासी बलिदान देने से कभी पीछे नहीं रहा है. मेरे देश की भावी पीढ़ी पता चलना चाहिए. पहनने को कपड़े नहीं थे. लेकिन बलिदान से वो कभी पीछे नहीं रहे: पीएम मोदी
अगर सरदार साहब ना होते तो देश कैसा बिखरा होता हम अच्छी तरह सोच सकते हैं. सरदार साहब ने कश्मीर का भारत में विलय करवाया. इस महापुरुष को आने वाली पीढ़ियों को समझना चाहिए ऐसा नहीं हो पाया.
जब विश्व बैंक ने पैसा देने के लिए मना कर दिया तो गुजरात के मंदिरों ने इसके लिए पैसा दिया.
किसान का भला होगा,पीने का पानी मिलेगा, लेकिन हमारे देश में देखिए पश्चिम भारत पानी के लिए तरसता है और पूर्वी भारत को विकास के लिए गैस चाहिए, बिजली चाहिए. हमने भारत का संतुलित विकास किया है. ताकि मेरा पश्चिम भी ताकतवर बने पूर्व भी ताकतवर बने. इसके लिए हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं: प्रधानमंत्री
अब पशु भी हरा चारा खाएगा. पशु जब आशीर्वाद देता है तो मेरे लिए यह भावुक करने वाला होता है. मेरे जीवन में यह पल कभी नहीं आया. मेरा जन्मदिन है और सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन हो रहा है. मुझे और क्या चाहिए?- पीएम मोदी
मेरे साथ किस-किस ने राजनीति की मेरे पास कच्चा चिट्ठा है, लेकिन मुझे राजनीति करनी नहीं आती. पानी के लिए तरसते लोगों के लिए संकल्प का कार्यक्रम है सरदार सरोवर बांध. कुछ पल होते हैं जो व्यक्ति के जीवन भर भावुकता से भर देते हैं. ये रूख-सूखी मेरी धरती मां को जब एक बेटा पानी देता है तो उससे ज्यादा भावुक पल क्या हो सकते हैं.
जब मैं गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहा था. सीमा पर जाना मेरा स्वभाव था. सेना के जवानों के बीच मैं दीवाली उनके साथ मनाया करता था. बीएसएफ के जवान पीने के लिए पानी सैंकड़ों ऊंट पानी ढोकर लाते थे. तब जाकर हमारे देश जवानों को पीने का अवसर मिलता था. अब जब सरदार सरोवर बांध का काम आगे बढ़ा. तो मैंने संकल्प लिया कि देश के जवान तक पीने का पानी पहुंचाउंगा- पीएम मोदी
आजादी के 75 साल होने पर साल 2022 तक न्यू इंडिया बनाएंगे. इसका संकल्प हम लेते हैं
ये हमारा दुर्भाग्य रहा कि हमें आंबेडकर और सरदार पटेल जैसे महापुरुषों को बहुत पहले खोना पड़ा. योजनाएं बनना योजनाएं पूरी होना बहुत स्वभाविक होता है, लेकिन शायद हिंदुस्तान में जितनी तकलीफें मां नर्मदा को झेलनी पड़ी इस योजना को झेलनी पड़ी दुनिया की कोई ताकत ऐसी नहीं थी जिसने इसमें रुकावट पैदा ना की हो- पीएम मोदी
मैं इस बांध को बनाने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं- पीएम मोदी
सरदार वल्लभ भाई पटेल की आत्मा आज जहां भी होगी हम पर अपने आशीर्वाद बरसाती होगी. आजादी से पहले सरदार पटेल ने सरदार सरोवर बांध का सपना देखा था. मैं आज विश्वास के साथ कहना चाहता हूं. अगर सरदार कुछ और साल जीवित रहे होते तो ये सरदार सरोवर बांध 60-70 के दशक में ही बन गया होता.
मुझे जन्मदिन की भी बहुत बधाई दी जा रही हैं. मैं ह्रदय से उनका आभार व्यक्त करता हूं. मैं आपके लिए जीने में अपने परिश्रम की पराकाष्ठा नहीं करुंगा. मैं जीउंगा तो सिर्फ आपके लिए और मरूंगा भी तो आपके लिए- पीएम मोदी