आतंक के खिलाफ अभियान में गुरुवार का दिन भारत के लिए बड़ी कामयाबी वाला रहा. सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के कमांडर और कश्मीर के चीफ अबू इस्माइल और उसके एक सहयोगी अबू कासिम को मार गिराया. खास बात ये रही कि आतंकियों के खिलाफ एक छोटे से अभियान में सुरक्षाबलों को ये बड़ी कामयाबी हाथ लगी.
अबू इस्माइल इस साल जुलाई में अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हमले का गुनहगार था, इस हमले में सात तीर्थयात्री मारे गए थे. अबू इस्माइल और सुरक्षाबलों के बीच ये मुठभेड़ श्रीनगर के नौगाम इलाके में हुई.
सूत्रों के मुताबिक मुठभेड़ के वक्त इस्माइल और उसका साथी सड़क पर जा रहे थे, तभी सुरक्षाबलों के जवानों ने उन्हें घेर लिया. काफी देर तक इस्माइल और उसके साथियों को ये पता ही नहीं लग सका कि वो सुरक्षाबलों की नजर चढ़ चुके हैं, जब उन्हें इसका एहसास हुआ तो उन्होंने वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने उनकी कोशिश नाकाम करते हुए उन्हें ढेर कर दिया. मारे गए दोनों आतंकी कश्मीर में बड़े आतंकी हमले की फिराक में थे.
ऐसे दिया ऑपरेशन को अंजाम
पुलिस अफसरों के मुताबिक दक्षिण कश्मीर के शोपियां में तैनात जम्मू-कश्मीर के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने अबू इस्माइल की गतिविधियों और उसके नौगाम में होने की सूचना श्रीनगर पुलिस को दी थी. सूचना मिलने के बाद श्रीनगर पुलिस ने नजदीक के पहरू इलाके में तैनात भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट से मदद मांगी. जिसके बाद मुठभेड़ को अंजाम दिया गया.
एक पुलिस अफसर ने फ़र्स्टपोस्ट को बताया कि, 'पुलिस को पहले से जानकारी थी कि इस्माइल एक बड़े हमले की योजना बना रहा है, जिसको अंजाम देने के लिए वो श्रीनगर आने वाला है, बस इसी सूचना ने उसे मार गिराने में अहम भूमिका निभाई.'
वहीं एक दूसरे वरिष्ठ पुलिस अफसर ने बताया कि, हाल ही में शोपियां पुलिस ने एक आतंकी को गिरफ्तार किया था, उसने इस्माइल की योजनाओं के बारे में अहम जानकारियां दी थीं, जिनकी बदौलत आतंकी इस्माइल सुरक्षाबलों के जाल में फंसा और फिर मुठभेड़ में मारा गया.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मुठभेड़ के वक्त अबू इस्माइल और उसका साथी अबू कासिम (छोटा कासिम) नौगाम में सड़क पर कहीं जा रहे थे, तभी सुरक्षाबलों ने उन्हें अपने चक्रव्यूह में ले लिया. दोनों आतंकियो को इतनी खामोशी के साथ घेरा गया कि उन्हें कुछ सोचने-समझने तक की मोहलत नहीं मिल सकी. सुरक्षाबलों और आतंकियो के बीच ये मुठभेड़ महज 15 से 20 मिनट तक चली.
एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने कहा कि, 'आतंकियों के बारे में खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस और भारतीय सेना की संयुक्त टीम ने नौगाम के अरीबाग इलाके में अपना जाल बिछा रखा था. जिसके तहत इलाके में जगह-जगह जांच और तलाशी की जा रही थी. इसी दौरान दोनों आतंकी सुरक्षाबलों के घेरे में आ गए. जब आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, तो सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, और दोनों को मार गिराया.
एक अन्य पुलिस अफसर के मुताबिक, 'दोनों आतंकी अपने हथियारों को एक थैले में छुपा कर ले जा रहे थे, तभी अचानक पुलिस और भारतीय सेना की संयुक्त टीम ने उन्हें घेर लिया. आतंकियों के हरकत करने पर सुरक्षाबलों ने उन्हें मौके पर ही ढेर कर दिया.'
सोशल मीडिया पर इस मुठभेड़ के बाद की तस्वीरें खासी वायरल हो रही हैं. इन तस्वीरों में सुरक्षाबलों के जवान दोनों आतंकियों के शवों को घसीटते हुए नजर आ रहे है.
कौन था अबू इस्माइल?
पुलिस अफसरों के मुताबिक, कश्मीर में हुए कई आतंकी हमलों के पीछे अबू इस्माइल का हाथ था. उसकी साजिशों और हमलों में सेना के कई जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी. इस्माइल मूलतः पाकिस्तान का रहने वाला था. वो मुठभेड़ के दौरान मौके से भाग निकलने में माहिर माना जाता था.
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसपी वैद ने बताया कि, इस्माइल लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेशनल चीफ था. वो कश्मीर में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है, इनमें कुछ दिनों पहले अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हुआ हमला भी शामिल है.
वैद ने आगे बताया कि, इस साल के शुरू में अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हुए आतंकी हमले में इस्माइल शामिल था, उसका मारा जाना हमारे लिए एक बड़ी कामयाबी है. इसके अलावा दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) के पास सुरक्षाबलों पर हुए हमले की साजिश भी इस्माइल ने ही रची थी.
सीआरपीएफ पर पहले भी कर चुका था हमला
इस साल 24 जून को, खतरनाक हथियारों और गोला-बारूद से लैस आतंकियों ने श्रीनगर के पंथा चौक पर डीपीएस स्कूल के बाहर ड्यूटी पर तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों पर हमला किया था. इस हमले में सीआरपीएफ का एक सब इंस्पेक्टर शहीद हो गया था, जबकि दो अन्य जवान घायल हुए थे.
हमले के दौरान इस्माइल मौके से भागने में कामयाब रहा था, लेकिन उसके साथ में आए दो आतंकी दिल्ली पब्लिक स्कूल की बहु-मंजिला इमारत में घुस गए थे. जिन्हें बाद में कई घंटे चली मुठभेड़ में मार गिराया गया. जहां ये मुठभेड़ हुई थी वो जगह श्रीनगर में सेना मुख्यालय के काफी नजदीक है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस्माइल ज्यादातर दक्षिण कश्मीर में सक्रिय था और वहीं से ऑपरेट करता था. लेकिन बड़े आतंकी हमलों के मंसूबे लेकर वो श्रीनगर आया था.
इससे पहले अनंतनाग के अचाबल इलाके में एक पुलिस पार्टी पर हमला करने के बाद भी इस्माइल बच निकला था. इस आतंकी हमले में एक एसएचओ समेत छह पुलिसकर्मी मारे गए थे. एक पुलिस अफसर ने बताया कि, इस्माइल पिछले करीब एक साल से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर खासा सक्रिय था, जहां वो हाईवे से गुजरने वाले सुरक्षाबलों के वाहनों को निशाना बनाता था.
जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर था सक्रिय
इस्माइल ने जून 2017 में जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर काजीगुंड में सेना के एक काफिले पर भी हमला किया था, जिसमें सेना के दो जवान मारे गए थे और चार जवान घायल हो गए थे. इस्माइल और उसके दूसरे आतंकी साथियों ने ये हमला उस वक्त किया था, जब सेना का काफिला श्रीनगर से जम्मू जा रहा था.
एक पुलिस अफसर के मुताबिक, 'इस्माइल एक टॉप आतंकी कमांडर था, उसकी आतंकी साजिशों की वजह से कश्मीर में सुरक्षाबलों को न सिर्फ भारी नुकसान उठाना पड़ा, बल्कि कई जवानों ने अपनी जान भी गंवाई.
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