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मशहूर साहित्यकार कृष्णा सोबती का 94 साल की उम्र में निधन

कृष्णा सोबती को 1980 में उनके उपन्यास जिंदगीनामा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. भारतीय साहित्य जगत में उनके योगदान के लिए 2017 में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था

Updated On: Jan 25, 2019 11:35 AM IST

FP Staff

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मशहूर साहित्यकार कृष्णा सोबती का 94 साल की उम्र में निधन

प्रसिद्ध साहित्यकार और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कृष्णा सोबती का 94 साल की उम्र में शुक्रवार को निधन हो गया. कृष्णा सोबती का जन्म वर्तमान पाकिस्तान के इलाके में हुआ था. उनकी परवरिश शिमला और दिल्ली में हुई.

कृष्णा सोबती को 1980 में उनके उपन्यास जिंदगीनामा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. भारतीय साहित्य जगत में उनके योगदान के लिए 2017 में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया था. वे अंतिम समय तक लेखनी के कार्यों से जुड़ी रहीं. सोबती का सबसे चर्चित उपन्यास मित्रो मरजानी है. माना जाता है कि स्त्री मन के आधार पर लिखी गई यह एक खुले विचारों वाली रचना है.

कृष्णा सोबती ने अपनी रचनाओं में महिला सशक्तिकरण और स्त्री जीवन की कठिनायों का बखूबी जिक्र किया. इसके साथ ही वे सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी खुल कर अपनी राय रखने के लिए जानी जाती थीं. 2015 में जब देश में असहिष्णुता का मुद्दा उठा था तो उन्होंने इसके समर्थन में साहित्य अकादमी पुरस्कार को लौटा दिया था.

कृष्णा सोबती को स्त्री मन और पर जीवन पर लिखी गई रचनाओं के लिए जाना जाता है. उनके सबसे चर्चित रचनाओं में सूरजमुखी अंधेरे के, दिलोदानिश, जिदंगीनामा, ऐ लड़की, समय सरगम, मित्रो मरजानी को शुमार किया जाता है.

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