भारत में जीका वायरस अपने पैर पसार रहा है. आए दिन लोग इस वायरस के चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में इससे बचाव के लिए उपाय किए जाने बेहद ही जरूरी है. जीका वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए भी काफी नुकसानदेह माना जाता है, क्योंकि इससे ‘माइक्रोसिफेली’ होने का खतरा होता है, जिसमें नवजात शिशु का सिर अपेक्षा से बहुत छोटा होता है. आइए जानते हैं इसके लक्षण और बचाव के बारे में...
ऐसे फैलता है वायरस
जीका वायरस मच्छर से फैलता है. एडीज मच्छर के जरिए फैलने वाले जीका वायरस की चपेट में आने से लोग इससे संक्रमित हो जाते हैं. वहीं मच्छरों के अलावा असुरक्षित शारीरिक संबंध और संक्रमित खून से भी जीका बुखार या वायरस फैलता है.
ये हैं लक्षण
- व्यक्ति को बुखार होता है.
-शरीर की त्वचा पर लाल दाग हो जाते हैं.
- आंखों में संक्रमण हो जाता है और आंखे लाल हो जाती हैं.
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है.
- सिरदर्द की भी समस्या देखी जाती है.
ऐसे करें बचाव
-जीका वायरस मच्छरों के कारण फैलता है. ऐसे में मच्छरों की रोकथाम जरूरी है.
-मच्छरों की रोकथाम के लिए घरों के आस-पास और घर में किसी जगह पानी को इकट्ठा न होने दें. गमले, कूलर जैसी जगह जहां पानी इकट्ठा रहता है उसे खाली कर दें.
-मच्छरों से बचाव के लिए खुद को ढक कर रखें. शरीर की कपड़ों से सुरक्षा करें और हल्के रंग के कपड़े पहनें.
-मच्छरदानी का प्रयोग करें
इलाज
फिलहाल, जीका वायरस के लिए किसी प्रकार का कोई टीका नहीं है. ऐसे में अगर इन लक्षणों से सामना हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें. इस संक्रमण से पीड़ित लोगों को दर्द में आराम देने के लिए पैरासिटामॉल दी जाती है. वहीं लाल दाग को हटाने के लिए दवाई दी जाती है.
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